अब बिना B.Ed के सरकारी शिक्षक बनने का सपना होगा पूरा, सरकार ने किया नियम में संशोधन
अब बिना बीएड के सरकारी शिक्षक बनने का सपना पूरा हो सकेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने नियम में संशोधन किया है।
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया है जिसके लागू होते ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सरकार से सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में बिना बीएड (Bed) वाले शिक्षकों की भर्ती होगी। हाईकोर्ट (High Court) के आदेश पर अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने शासनादेश में संशोधन जारी कर दिया है। ऐसे में प्रद्रेश के संस्कृत विद्यालयों में संविदा शिक्षक के लिए बीएड की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
1119 शिक्षकों के पद रिक्त
जनकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 567 संस्कृत के माध्यमिक विद्यालयों में 1119 रिक्त पदों पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति होना हैं। ऐसे में हाई कोर्ट का आदेश प्रदेश के अभ्यर्थियों के लिए राहत देने वाला है।
बीएड की अनिवार्यता समाप्त
काफी दिनों से रिक्त पदों पर भर्ती सम्भव नही हो पा रही थी। जिसका सबसे बड़ा कारण था कि उत्तर मध्यमा स्तर पर बीएड अनिवार्य था। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में उत्तर मध्यमा स्तर पर व्याकरण और साहित्य के संविदा शिक्षक भर्ती के लिए बीएड की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
7 सितम्बर के आया आदेश
जनकारी के अनुसार पूर्व में बीएड की अनिवार्यता नही थी। लेकिन सराकर 2009 में बीएड होने आवश्यक कर दिया। जिसके खिलाफ सुभाष तिवरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए 7 सितंबर को नियमावली के अनुरूप संशोधन के आदेश दिए थे. जिसके क्रम में एडी डॉ. महेन्द्र देव ने 8 सितंबर को शुद्धपत्र जारी किया है।