पुरुषो के जूतों में अक्सर क्यों होते है छेंद, जानिए वजह: GK IN HINDI
General Knowledge: कई जगहों में कुछ अलग रंग तथा अलग ही व्यवस्था आपने भी देखी होगी। लेकिन इसके पीछे क्या कारण है इस तरह के प्रश्न आपके भी दिमाग में अवश्य आये होंगे।
General Knowledge: कई जगहों में कुछ अलग रंग तथा अलग ही व्यवस्था आपने भी देखी होगी। लेकिन इसके पीछे क्या कारण है इस तरह के प्रश्न आपके भी दिमाग में अवश्य आये होंगे। काई बार तो लोग यह मान लेते हैं कि यह उस कार्य विशेष की पहचान के लिए कोड़ कर दिया गया है। लेकिन इसके पीछे की असली वहज कुछ और ही होती है। आज हम उस असली वजह को बातएंगे।
दरवाजे में पीतल का हैंडल
अक्सर देखा होगा कि लोग दरवाजे पर पीतल के हैंडल लगवाते हैं। इसके पीछे का कारण वैज्ञानिक और वास्तु से जुड़ा हुआ है। अगर बात वैज्ञानिक कारणों की करें ते पता चलता है कि पीतल की सतह पर हाथ के मांध्यम से पहुंचने वाले सूक्ष्म बैक्टीरिया तथा वायरस बहुत जल्दी नष्ट हो जाते हैं। वहीं वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि पीतल का हैंडल लगा होने से कई तरह की नकारात्मक उर्जा घर में प्रवेश नहीं करती।
लाल रंग का टेलीफोन बूथ
लंदन में सभी टेलीफोन बूथ लाल रंग के होते हैं। इसके सम्बंध में कहा गया है कि पहले इनके रंग क्रीमी हुआ करते थे। लेकिन 1924 में एक प्रतियोगिता के दौरान इसे लाल रंग में परिवर्तित कर दिया गया। माना जाता है कि लाल रंग दूर से तथा कोहरे के समय भी दिख जाता है।
फुटबाल रैफरी दिखाते हैं पीले तथा लाल कार्ड
फुटबाल मैच के दौरान आपने देखा होगा कि रैफरी पीले तथा लाल रंग के कार्ड का उपयोग खिलाड़ियों के चेतावनी देने के लिए करते हैं। इसके सम्बंध में बताया जाता है कि कई अलग-अलग भाषा के खिलाडी खेल में हिस्सा लेते हैं। जरूरी नही होता कि रैफरी सभी भाषा जाने। ऐसे में खिलाडियों को आगाह करने के लिए इन कार्डों का इस्तेमाल किया जाता है।
शर्ट में दूसरे कलर की धारी का उपयोग
आपने देखा होगा कि अस्पताल में मरजों तथा कैदियों को धारी वाली शर्ट पहने देखा होगा। वहीं नौसेना कर्मचारी भी धारी वाली शर्ट पहनते हैं। इसके पीछे का कारण यह माना जाता है कि यह दूसरों से अलग करता है। समान्य तौर लोग सफेद कपडे पहनते हैं उसमें इनकी तरह धारी नहीं होती। वही नौसेना विभाग का मानना है कि अगर किसी आपदा में हमारे जवान समुद्र में गिर जाते हैं तो उन्हे धारी की वजह से देख लिया जाता है।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।