क्या होगा यदि धरती से 5 सेकंड के लिए ऑक्सीजन गायब हो जाए?

क्या होगा यदि धरती से 5 सेकंड के लिए ऑक्सीजन गायब हो जाए?जिस प्रकार धरती के जीव बिना भोजन और पानी के नहीं रह सकते ठीक उसी प्रकार ऑक्सीजन के;

Update: 2021-02-16 06:32 GMT

क्या होगा यदि धरती से 5 सेकंड के लिए ऑक्सीजन गायब हो जाए?

जिस प्रकार धरती के जीव बिना भोजन और पानी के नहीं रह सकते ठीक उसी प्रकार ऑक्सीजन के बिना भी जीवित नहीं रह सकते हैं. श्वसन की मदद से मनुष्य भोजन से ऊर्जा प्राप्त करते हैं और इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन बेहद अहम् भूमिका निभाता है. इतना सब कुछ जानते हुए भी हम वही कार्य करते हैं जो हमे नहीं करना चाहिए, लगातार पेड़-पौधों को काटना इंसान की फितरत बन चुकी है. सब कुछ जान कर भी हम अनजान हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं यदि 5 सेकंड के लिए ऑक्सीजन गायब हो जाए तो धरती पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

1 .प्रत्येक व्यक्ति के भीतरी कान के परदे फट जाएंगे

ऑक्सीजन की कमी के कारण एक पल में ही, हमारे आस-पास मौजूद हवा का दवाब 21% कम हो जायेगा जो समुद्र तल से लगभग 2000 मी. की ऊँचाई से छलांग लगाने के बराबर होगा. ऑक्सीजन में कमी होने के कारण कानो के परदे फट जायेंगे.अतः ऑक्सीजन की अनुपस्थिति के कारण सुनने सम्बन्धी गंभीर बीमारी होने की संभावना बढ़ सकती है.

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2 .धरती नीचे धस जायेगी

ऑक्सीजन के गायब होते ही धरती धस जायेगी और पृथ्वी में मौजूद सारे जीव 10-15 किलोमीटर नीचे आ गिरेंगे.जैसा की हम सब जानते हैं कि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा 88.8 % होती है. ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में हाइड्रोजन गैसीय अवस्था में बदल जायेगी और साथ ही इसका वॉल्यूम भी काफी हद तक बढ़ जाएगा. ऐसे में सांस रुकने से पहले ही इंसान फूलकर फट जाएगा. पृथ्वी में उपस्थित हर जीवित कोशिका की मौत ऐसे ही होगी.

3 .दिन के समय आकाश काला हो जायेगा

हम सभी जानते हैं कि हवा में मौजूद प्रकाश कणों ( धूल, ऑक्सीजन अणु, अन्य अशुद्धियाँ आदि )से परावर्तित होने के कारण सूर्य की रोशनी पृथ्वी की सतह पर पहुँचती है. आकाश में ऑक्सीजन अनुपस्थित होने के कारण प्रकाश की किरणे परावर्तित नहीं होंगी जिससे आकाश काला दिखाई देगा.

4 .समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को धूप से अत्यधिक जलन होगी

ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में सूर्य से आने वाली पराबैगनी किरणों को ओज़ोन परत पृथ्वी की सतह में प्रवेश करने से नहीं रोक पाएगी. अगर धरती की सतह में पराबैगनी किरणे प्रवेश करेंगी तो हम टोस्ट के जैसे हो जाएंगे या फिर हम टोस्ट के जैसे दिखने लगेंगे.

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5 . धातुओं के टुकड़े बिना वेल्डिंग के आपस में जुड़ जायेंगे 

धातुओं में ऑक्सीकरण की परत चढ़ाई जाती है. इसकी वजह से संपर्क में आने पर वे एक दूसरे से नहीं चिपकते हैं. अचानक ऑक्सीजन के गायब हो जाने के कारण धातुओं के टुकड़े आपस में जुड़ने लगते हैं.

6 . आंतरिक दहन इंजन वाले वाहन काम करना बंद कर देंगे 

ऑक्सीजन के बिना विमान ज़मीन में गिर जायेगा. यहाँ तक कि आतंरिक दहन इंजन पर निर्भर करने वाले सभी कार या वाहन ऑक्सीजन के बिना रुक जायेंगे क्यूंकि ऑक्सीजन के बिना दहन संभव नहीं है. इसी के कारण विमान, हेलीकाप्टर और अंतरिक्ष यान सभी आसमान ज़मीन पर गिर जायेंगे.

7 .इमारतें एवं कंक्रीट से बनी कई संरचना धूल में या टुकड़ों में बदल जाएगी  

पृथ्वी के ऊपरी परत में 45 % ऑक्सीजन है और ऑक्सीजन के बिना यौगिक अपनी कठोरता बनाये नहीं रख सकता. जिसके काऱण हमारे नीचे की धरती गायब हो जाएगी और हम गिरने लगेंगे. इसलिए, ठोस संरचनाओं के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण स्त्रोत है. ऑक्सीजन के न होने कारण पूरी पृथ्वी ठंडी हो जाएगी और बर्फ से ढक जाएगी.
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