इनकम टैक्स से परेशान हैं, पुराने जामने के टैक्स जानोगे तो माथा पकड़ लोगे, महिलाओं को स्तन ढकने के लिए टैक्स देना पड़ता था
19 वीं सदी में केरल की रहने वाली महिलाओं को अपने स्तन ढकने के लिए टैक्स देना पड़ता था, इससे घटिया और काम कुछ नहीं हो सकता
चाहें आम आदमी हो या कोई अरबपति बिजनेसमैन हर किसी से सरकार टैक्स वसूली करती है। कितनी अजीब बात है ना जिस देश में आप पैदा हुए, और अपनी मेहनत से कमाई की और इसका टैक्स सरकार को मिलता है। वैसे टैक्स क्यों देना चाहिए इस मामलें में कभी फुरसत से चर्चा करेंगे, लेकिन आज हम आपको उन टैक्स के बारे में बताने वाले हैं जो पुराने ज़माने में लोगों पर लगाए जाते थे। ये जानकरी आपको हैरत में डाल देगी।
महिलाओं को अपने स्तन ढकने के लिए टैक्स देना पड़ता था
कितना अजीब और बेतुका सा लगता है ना? आखिर महिलाओं को स्तन ढकने के लिए टैक्स क्यों देना पड़ गया और जो गरीब महिलाए टैक्स नहीं दे पाती थीं वो क्या करती थीं? दरअसल 19 वीं सदी में केरल के एक बड़े हिस्से में त्रावणकोर के राजा का शासन था। राजा इतना लीचड़ किस्म का आदमी था कि निचली जाति की महिलाओं पर ये पाबन्दी लगा दी थी के वह अपने स्तन को ढक नहीं सकती थीं। अगर उस वक़्त कोई महिला अपने स्तन को ढके हुए पाई जाती तो उसपर 'ब्रेस्ट टैक्स' यानी के स्तन कर लगा दिया जाता था। कितना ही घटियापन था है ना? एक बार नंगेली नाम की महिला को स्तन ढके हुए पाया गया और जब सिपाही उससे टैक्स मांगने लगे तो उस महिला ने अपने स्तन काट दिए और टैक्स मांगने वालों के सामने धर दिए। बाद में महिला के शरीर से ज़्यादा खून बहने से उसकी दुखद मौत हो गई। इस घटना के बाद से राजा ने स्तन टैक्स को हटा दिया था।
साबुन लगाने पर टैक्स
1712 में यूरोप की सरकार ने अपनी जनता पर साबुन का इस्तेमाल करने पर टैक्स लगा दिया था। ये टैक्स 141 सालों तक चला, साल 1835 में इस बेवकूफी भरे टैक्स को हटा दिया गया था। लोगों ने नहाना बंद क्र दिया था भाई।
घर में खिड़की बनाने पर टैक्स
इंगलेंड में 1696 में खिड़की बनाने पर टैक्स लगाया था, जिन लोगों के घर में खड़की थी उन्हें ज़्यादा टैक्स जमा करना पड़ता था। इसके कारण लोगों ने अपने घरों की खिड़कियां बंद कर दी और इसका असर लोगों के स्वास्थ्य में दिखाई पड़ने लगा साल 1851 में इस बेतुके टैक्स को भी हटा दिया गया, इंग्लैंड में ऐसे कई घर हैं जहाँ की खिड़किया बंद कर दी गई थीं।
चिमनी पर टैक्स
1660 में इंग्लैंड ने घर की चिमनियों पर भी टैक्स लगा दिए था। टैक्स ना देना पड़े इसी लिए लोगों ने उसे ढकना शुरू कर दिया। वहां के घरों की चिमनियां इसी लिए होती हैं क्यूंकि इंग्लैंड में भीषण ठण्ड पड़ती है। लेकिन वहां की सरकार ने लोगों को परेशान करने के लिए ऐसा किया था। 1689 मने इस टैक्स को हटा दिया गया था।
चीनी लोगों पर टैक्स
1885 में कनाडा ने एक ऐसा टैक्स निकाला जिसमे कनाडा में रहने वाले चीनी लोगों को चीनी होने के लिए टैक्स देना पड़ता था और 1923 में कनाडा सरकार ने चीनी प्रवासियों पर ही रोक लगा दी थी। उस टैक्स को 'Chinese Head Tax' कहा जाता था।
टॉइलट करने पर टैक्स
हाँ भाई प्राचीन रोम में लोगों को टायलेट जाने के लिए भी टैक्स देना पड़ता था। अब ये ऐसा टैक्स था जो आपको देना ही पड़ता आप इसे रोक भी नहीं सकते थे। उस वक़्त मानव मूत्र की कीमत बहुत थी क्यूंकि उसमे अमोनिया रहता है, उस वक़्त के लोग इसका इस्तेमाल कपडे धोने और दांत साफ़ करने के लिए करते थे। जो लोग पब्लिक टॉयलेट में पेशाब इकट्ठा करते थे उनपर टैक्स लगाया जाता था।