ये है भारत की अंतिम सड़क, जो भरा है रहस्यों से जानिये

भारत में कई ऐसे पर्यटन स्थल India's last road / भारत की अंतिम सड़क : भारत में कई ऐसे पर्यटन स्थल है जो रहस्यों से भरे पड़े है. ऐसी अनोखी जगहों में से एक जगह दक्षिण भारत का एक गाँव है जहाँ पर भारत की आखिरी सड़क है. है जो रहस्यों से भरे पड़े है. ऐसी अनोखी जगहों में से एक जगह दक्षिण भारत का एक गाँव है जहाँ पर भारत की आखिरी सड़क ह

Update: 2021-02-16 06:22 GMT

India's last road / भारत की अंतिम सड़क : भारत में कई ऐसे पर्यटन स्थल है जो रहस्यों से भरे पड़े है. ऐसी अनोखी जगहों में से एक जगह दक्षिण भारत का एक गाँव है जहाँ पर भारत की आखिरी सड़क है.

 

रहस्यों से भरा है भारत की आखिरी सड़क वाला यह गाँव

भारत एक विशाल देश है जिसमे पर्यटन के लिहाज से कई जगहें हैं.लेकिन कुछ जगहें ऐसी हैं जो अपने पर्यटन से ज्यादा रहस्यों और रोचकता के लिए जानी जाती हैं.आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसी ही अनोखी जगह क बारे में बताने जा रहे है जिसका सम्बन्ध रामायण काल से ही जुड़ा हुआ माना जाता है.हम बात कर रहे हैं भारत का अंतिम छोर कहे जाने वाले तमिलनाडु के पूर्वी तट पर रामेश्वर द्वीप के किनारे स्थिर धनुष्कोडी के बारे में. यही पर एक ऐसी सड़क है, जिसे भारत की आखिरी सड़क कहा जाता है. ये वो जगह है,जहाँ से श्रीलंका साफ़-साफ़ दिखाई देता है,लेकिन आज यह जगह बिल्कुल वीरान हो गई है और रहस्यों से भरी हुई है. धनुष्कोडी, भारत और श्रीलंका के बीच एकमात्र ऐसी स्थलीय सीमा है जो पाक जलसंधि में बालू के टीले पर मौजूद है.

इस जगह को दुनिया के लघुतम स्थानों में से एक माना जाता है.इस  गाँव को बेहद ही रहस्यमय  माना जाता है, इसकी लम्बाई महज 50 गज गई इसी वजह से इस जगह को दुनिया के लघुतम स्थानों में से एक माना जाता है.कई लोग तो इसे भुतहा भी मानते हैं. वैसे तो दिन के समय लोग यहाँ घूमने क लिए आते है, लेकिन रात होने से पहले उन्हें वापिस भेज दिया जाता है.यहाँ रात के वक्त रुकना या घूमना बिल्कुल मन है. यहाँ से रामेश्वर की दूरी करीब 15 किलोमीटर है और पूरा इलाका सूनसान है. जाहिर है ऐसे में किसी को भी डर लग सकता है.

चक्रवात ने बर्बाद कर दिया धनुष्कोडी 

ऐसा नहीं है कि यह गाँव हमेशा से सूनसान रहा है. यहाँ पहले लोग रहते थे. उस समय धनुष्कोडी में अस्पताल से लेकर चर्च, होटल और पोस्ट ऑफिस सब थे, लेकिन  साल 1964 में आये भयानक चक्रवात में सबकुछ ख़त्म हो गया. कहते है इस चक्रवात की वजह से 100 से अधिक यात्रियों के साथ एक रेलगाड़ी समुद्र में डूब गई तह. इसके बाद से ही यह इलाका वीरान हो गया. कहते हैं कि धनुष्कोडी ही वो जगह है जहाँ से समुद्र के ऊपर रामसेतु का निर्माण शुरू किया गया था. मान्यता है कि इसी जगह पर  श्री राम ने हनुमान को एक पुल का निर्माण करने का आदेश दिया था, जिसपर से होकर वानर सेना रावण की लंका नगरी में प्रवेश कर सके. इस गाँव में भगवान् राम से जुड़े कई मंदिर हैं. ऐसी मान्यता है कि विभीषड के कहने पर भगवान राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु [पुल ]को तोड़ दिया था. इसी वजह से इसका नाम धनुष्कोडी पड  गया.

ख़बरों की अपडेट्स पाने के लिए हमसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी जुड़ें: 

 FacebookTwitterWhatsAppTelegramGoogle NewsInstagram

 
Tags:    

Similar News