Teacher's Day Special: जानिए डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़ीं खास बातें
5 सितंबर, शिक्षक दिवस (Teacher's Day) पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) से जुडी ख़ास बाते जानिए।
आज शिक्षक दिवस हैं। इस दिन लोग अपने गुरूजनो को याद करते हुए उनके सम्मान में चरण वंदन तथा उपहार भेट करते हैं। 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। जानकारी के अनुसार डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) एक महान शिक्षक कहा जाता है। क्योंकि राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष केवल शिक्षा देने में बिताएं। ऐसे में हर 5 सितम्बर को उनकी तथा गुरूओं के सम्मान का दिन शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस मनाने की शुरूआत सन् 1962 में पहली बार पांच सितंबर को हुआ। आज हालत यह है कि विश्व के 1 सैकडा से ज्यादा देशों में 5 सितम्बर को टीचर्स डे या शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है।
कहा गया है कि गुरु की महिमा अपरम्पार है। गुरू ही वह माध्यम है जिसकी शरण में जाने से लोक और परलोक दोनों सुधर जाता है। जीवन में शिक्षा देकर गुर हमें तैयार करता है कि हम उनसे शिक्षा पाकर एक सफल जीवन जी सके। वही इसी जीवन में एक गुरू और होते हैं जो हमें परलोक सुधारने का मार्ग बताते हैं।
अगर जीवन में गुरू न हो तो ज्ञान मिलना सम्भव नही हैं। एकलब्य ने अपने अभ्यास से धनुर्विद्या सीखी थी लेकिन प्रतीक स्वरूप उसने द्रोणाचार्य की मूर्ती बना रखी थी। ऐसे में माना जाता है कि गुरू के बिना ज्ञान मिलना सम्भव नही है।
समाज में कितनी भी आधुनिकता आ जाये। चाहे कम्प्यूटर का कितना भी अधिक विकास हो जाये, डिजिटल और कोडिंग क्लास क्यों न शुरू हो जय लेकिन गुरू की महिमा कम होने वाली नहीं है।
शिक्षा देने के हर माध्यम तभी पूरा होगा जब उसमें गुरू का हाथ और उनका मार्गदर्शन हो। आजकल लोग तो गूगल को भी गुर कहने लगे हैं। लोगो का मामना है कि अगर कोई समस्या हो कुछ पूछना हो गूगल में सर्च किया जाय तो वह बता देता है। ऐसे में लोगों द्वारा कहा जाता है कि गूगल गुरू से पूछ लो।