रोज की जरूरत में आने वाले ऐसे अविष्कार जो भारतीयों ने किए, लेकिन कोई जानता ही नहीं
Inventions By Indians: भारतीयों ने ऐसे-ऐसे अविष्कार किए जिनका इस्तेमाल आप रोज करते हैं, लेकिन जानते नहीं कि यह किसके इन्वेंशन हैं
Inventions By Indians: हम इंडियंस में टेलेंट की कोई कमी नहीं है. दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों की बागडोर भारतीयों के पास ही है. भारत में ऐसे कई महान वैज्ञानिक पैदा जिन्होंने बिना किसी टेक्नोलॉजी के परमाणु, ग्रैविटी, खगोल, अर्थशास्त्र, बॉटनी, विमान, जहाज बनाने की तकनीक बता दी और विदेशियों ने उनकी किताबें पढ़कर खुद को उन्ही चीज़ों का खोजकर्ता बता दिया। ये सब तो पुरानी बातें हैं लेकिन यंग जनरेशन इंडियंस भी अविष्कार करने में किसी से कम नहीं है.
भारतीयों ने ऐसे कई अविष्कार किए हैं जिनका आप रोज़ इतेमाल करते ही करते हैं, और जब आप उन चीज़ों के इन्वेंटर के बारे में सोचते होंगे तो कोई गोरा आदमी ही विचार में आता होगा। हम आपको ऐसे अविष्कारों के बारे में बता रहे हैं जिनकी खोज भारतीयों ने की लेकिन ये बात आपको मालूम नहीं होगी
बटन का अविष्कार
इतिहास में बटन का सबसे पहला इस्तेमाल सिंधु घाटी सभ्यता में मिलता है. मोहेंजो-दारो में आज से 5000 साल पहले से लोगों ने बटन बना लिया था और इसका खूब इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था.
शतरंज का अविष्कार
शतरंज कोई अरबी या इंग्लिश खेल नहीं है. यह भारत की ही देन है. इसे भारत में चतुरंगा कहते थे. चेस का हाथी, घोडा, वजीर, राजा, प्यादे ये सब गुप्त साम्रज्य यानी 6वीं शताब्दी से चला आ रहा है.
रूलर का अविष्कार
दुनिया का सबसे पुराना रूलर जिसे आप स्केल कहते हैं उसका अविष्कर भी भारत में हुआ था. इंडस वैली सिविलाइजेशन में आज से 5000 साल पहले लोग चीज़ों की लंबाई-चौड़ाई मापने के लिए रूलर का इस्तेमाल करते थे.
शैम्पू का अविष्कार
शैम्पू शब्द आया है चम्पू से जो संस्कृत के शब्द चंपायती से आया है. जिसका मतलब होता है सिर की मसाज। भारतीयों ने ही सबसे पहले सिर के बाल धोने के लिए शैम्पू का इस्तेमाल करना शुरू किया था
वायरलेस कम्युनिकेशन का अविष्कार
नोबेल पुरस्कार विजेता गुग्लिल्मो मारकोनी जिनके पूर्ववर्ती वायरलेस टेलीग्राफी के विकास के संबंध में वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस थे, जिन्होंने 1895 में कलकत्ता में माइक्रोवेव ट्रांसमिशन का सार्वजनिक प्रदर्शन किया था।
हीरा खदाने
18वीं शताब्दी में, और 5000 से अधिक वर्षों पहले ब्राजील में हीरे की खदानों की खोज से पहले तक, मध्य भारत दुनिया में हीरों का एकमात्र स्रोत था।
इंक का अविष्कार
विभिन्न प्राचीन सभ्यताओं और संस्कृतियों ने स्वतंत्र रूप से लेखन के लिए विभिन्न स्याही तकनीकों की खोज की। हालांकि, तथाकथित मुसी स्याही में कार्बन पिगमेंट का उपयोग करने वाले भारतीय पहले व्यक्ति थे। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में दक्षिण भारत में इस तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था।
फाइबर ऑप्टिक्स
फॉर्च्यून पत्रिका ने एक भारतीय-अमेरिकी भौतिक विज्ञानी नरिंदर सिंह कपानी को फाइबर ऑप्टिक्स के अपने आविष्कार के लिए मानव जाति के सात महानतम गुमनाम नायकों में से एक के रूप में नामित किया। उन्हें फाइबर ऑप्टिक्स प्रौद्योगिकी में अग्रणी कार्य के लिए 'फाइबर ऑप्टिक्स के जनक' के रूप में भी जाना जाता है।
USB का अविष्कार
बहुत प्रशंसा के साथ एक व्यक्ति, अजय वी। भट्ट एक अमेरिकी-भारतीय कंप्यूटर वास्तुकार ने USB बनाया, एक छोटा हटाने योग्य स्टोरेज डिवाइस जो बड़ी मात्रा में स्टोरेज और डेटा ट्रांसफर करने में सक्षम है और ले जाने और उपयोग करने में आसान है। उनके द्वारा विकसित USB पोर्ट को Apple और Microsoft जैसे टेक दिग्गजों द्वारा अनुकूलित और विकसित किया गया था। फिर भी, उन्होंने अपने आविष्कार से एक पैसा भी नहीं कमाया। अजय ने कहा कि वह पैसों के लिए कुछ नहीं करना चाहते, बल्कि टेक्नोलॉजी में बदलाव और इनोवेशन लाना चाहते हैं।