Shriram Coins: मुगल बादशाह अकबर ने छपवाएं थे भगवान श्रीराम के सोने और चांदी के सिक्के, 1604 ई. में किया गया था जारी
Shriram Coins In Hindi: भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या को नष्ट भ्रष्ट करने वाले मुगल ही थे। पवित्र राम मंदिर पर मुगलों ने अपना आधिपत्य जमा लिया था।
Shriram Coins: भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या को नष्ट भ्रष्ट करने वाले मुगल ही थे। पवित्र राम मंदिर पर मुगलों ने अपना आधिपत्य जमा लिया था। मुगलो के क्रूरता की कहानी पूरा हिंदुस्तान आज भी बयां कर रहा है। लेकिन इस क्रूरता के बीच एक मुगल बादशाह ने भगवान श्री राम की प्रतिमा अंकित सिक्कों को प्रचलन में लाया था। ऐसा करने के पीछे मुगल शासक स्पष्ट मनसा धर्मनिरपेक्षता थी। इसीलिए आज भी उस मुगल बादशाह अकबर को बड़े ही सम्मानजनक नजरों से देखा जाता है।
आइए जाने इन सिक्कों के बारे में
जानकारी के अनुसार सभी धर्मों को साथ लेकर चलने वाला मुगल बादशाह अकबर (Mughal Emperor Akbar) था। अकबर ने सर्व धर्म की दिशा में कार्य करते हुए सभी धर्म के लोगों को एकजुट किया। इसके लिए अकबर ने भगवान श्री राम के दो तरह के सिक्के छपवाए थे। जिसमें से एक तरह के सिक्के पर भगवान श्री राम की प्रतिमा अंकित थी। वही बाद में राम दरबार की प्रतिमा अंकित सिक्कों को छुपाया गया। यह सिक्के काफी प्रचलन में भी रहे हैं।
अकबर को मिला सम्मान
सिक्कों में भगवान की प्रतिमा अंकित होने की वजह से हिंदू धर्म के लोग भी अकबर का सम्मान किया करते थे। बिना कहे अपने मन की बात को लोगों तक पहुंचाने का यह एक बड़ा माध्यम था। कहने का मतलब यह कि अकबर हर किसी देश के नागरिक से मिलकर अपनी धर्मनिरपेक्षता के बारे में नहीं कह सकते थे। लेकिन भगवान श्रीराम की प्रतिमा अंकित सिक्कों का प्रचलन मैं आने से लोगों में यह भावना विकसित होने लगे कि बादशाह धर्मनिरपेक्ष है।
जानकारी के अनुसार अकबर ने 1604 और 1605 में हिंदू देवी देवताओं का सम्मान करते हुए सिखों को प्रचलन में लाया था। इतना ही नहीं मुगल शासक अकबर ने कई धार्मिक मंदिरों का जीर्णोद्धार तथा नई मंदिरों का निर्माण भी करवाने की छूट दी थी।
जजिया जैसे कर को समाप्त कर अकबर ने अपने धर्मनिरपेक्ष होने का प्रमाण प्रस्तुत किया था। कहते हैं कि जजिया कर में छूट मिलने पर हिंदुओं की प्रसन्नता चौगुनी हो गई थी।