रिजर्व बैंक को 2000, 500 रूपए की नोट की छपाई में कितनी लागत आती है जानिए
रिजर्व बैंक ने साल 1938 में पहली करेंसी छापी थी। जो 5 रूपए की नोट थी। जिसमें ब्रिटिश किंग जॉर्ज व्हीआई की तस्वीर थी।
How Much it costs to print 2000, 500 rupee notes : नई दिल्ली। साल 2016 में नोटबंदी की गई। पुराने नोट पूरी तरह से चलन से बाहर हो गए। रिजर्व बैंक ने नए-नए नोट जारी किए। जिसमें 10, 20, 50, 100, 500, 2000 के नए नोट शामिल हैं। तो वहीं 1000 के नोट साल 2016 तक चलन में थे। लेकिन इसके बाद आरबीआई ने 1000 की जगह 2000 के नोट मार्केट में लांच किए। जिसके बाद ये सभी करेंसी मार्केट में चल रही हैं। इन करेंसियों को लेकर कभी-कभार आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर आरबीआई को प्रति नोट की छपाई में लगभग कितने रूपए का खर्च आता होगा। तो आज हम आपको 200, 500 व 2000 की नोट से जुड़ी कुछ ऐसी ही जानकारियां देने वाले हैं।
रिपोर्ट्स की माने तो किसी भी मुद्रा व नोट की छपाई की लागत उसके वैल्यू से सीधा संबंधित नहीं होती है। मान लीजिए कि 200 रुपये के नोट की छपाई की कीमत 3 रुपये प्रति नग आती है। तो इसका मतलब यह नहीं है कि आरबीआई कितने भी नोटों की छापाई कर सकता है। अगर ऐसा संभव होता, तो भारत की अर्थव्यवस्था कभी नीचे जाती ही नहीं बल्कि गरीबी से भारत बहुत आगे किसी विकसित देश की लिस्ट में शुमार होता।
नोटों की छपाई में आने वाली लागत
रिपोर्ट की माने तो 200 रुपये के नोट की छपाई में लगभग 2.93 रुपये प्रति नोट लागत आती है। इस नोट में सांची का स्तूप की तस्वीर छपी होती है। जबकि 500 रुपये के नोट की छपाई में लगभग 2.94 रुपये खर्च आता है। 500 रूपए के इस नए नोट में लाल किला की तस्वीर छपी होती है। ऐसे ही 2000 रुपए के नोट में मंगलयान की तस्वीर छपी रहती है। यह नोट 2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया गया। 2000 के एक नोट की छपाई में लगभग 3.54 रूपए की लागत आती है।