क्या शारीरिक संबंध बनाकर शादी से मुकर जाना रेप है? उड़ीसा हाईकोर्ट में बहस छिड़ गई है

Is it rape to withdraw from marriage after having sex: अख़बारों में अक्सर ऐसी खबरे छपती हैं 'शादी का झांसा देकर रेप!' लेकिन क्या संबंध बनाकर शादी का वादा तोडना रेप होता है?

Update: 2023-01-13 07:41 GMT

Is it rape to break the promise of marriage after having a relationship: क्या संबंध बनाकर शादी का वादा तोडना रेप होता है? अक्सर ऐसी खबरें अख़बार के पन्नों में नज़र आती हैं जिनमे पीड़िता का यही आरोप रहता है कि उसके पार्टनर ने उसे शादी का वादा कर सहमति से शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी करने से इंकार कर दिया! 

अगर संबंध सहमति से बनाए गए तो रेप कैसा? क्या ऐसा करने वालों को सज़ा इस लिए मिलती है क्योंकि उन्होंने शादी का वादा तोडा? ऐसे में फिर यह प्रश्न भी उठता है कि शादी का वादा तोड़ने वाली महिलाओं पर वही आरोप क्यों नहीं लगते जैसे पुरुष पर लगाए जाते हैं. खैर इन प्रश्नों और ऐसे कानून को लेकर ना सिर्फ आम लोगों में कन्फ्यूजन है बल्कि खुद न्यायालय भी इन नियम-कानून को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं. 

सीधा सा प्रश्न यही है- अगर कोई पुरुष किसी महिला से शादी का वादा करता है, उस आधार  पर उसके साथ सहमति से यौन संबंध बनाता है और बाद में शादी से मना कर देता है. तो क्या यह बलात्कार है? यह सवाल पेचीदा है और देश की अलग-अलग अदालतें भी आपस में इस कानून को लेकर सहमत नज़र नहीं आती हैं.

शादी के झूठे वादे को बलात्कार मानने वाला कानून गलत प्रतीत होता है

उड़ीसा हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर बहस छेड़ दी है. Odisha HC की एकल न्यायाधीश पीठ ने 23 दिसंबर को जारी आदेश में कहा- 'शादी के झूठे वादे को बलात्कार मानने वाला कानून गलत प्रतीत होता है.

शादी का झांसा देकर महिला से रेप करने के मामले में आरोपी को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति एस.के. पाणिग्रही ने पाया कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 375, जो बलात्कार के आरोप को परिभाषित करती है इसमें शादी के बहाने यौन संबंध बनाने के लिए सहमति का कोई जिक्र नहीं है. 

क्योंकी इस मामले में आरोप लगाने वाली महिला वयस्क थी इसी लिए ऐसा सवाल ही नहीं था कि कोई शादी के आश्वाशन के तहत शारीरिक रूप से प्रेरित करने की स्थति में हो. 

दरअसल यह मामला 2020 का था, उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में एक महिला ऐसे व्यक्ति के साथ भाग गई थी जिसने उससे शादी का वादा किया था. लेकिन कुछ दिन तक वह उसके साथ रहने और संबंध बनाने के बाद उसे छोड़कर चला गया. उसने महीला की अप्पतिजनक तस्वीरें भी खींची थीं. जिसके बाद महिला ने उस शख्स के खिलाफ शादी का झूठा वादा करके रेप करने का इज्लाम लगा दिया। 

आरोपी ने कोर्ट में बेल के लिए अर्जी लगाई और सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एस.के. पाणिग्रही ने टिप्पणी की, 'भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा) के तहत बिना किसी आश्वासन (शादी के) के सहमति से संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं माना जाएगा.'

बलात्कार के कानून पर गंभीर पुनर्विचार की जरूरत 

आरोपी को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा आईपीसी की धारा 375 के तहत सहमति के प्रभाव को निर्धारित करने के लिए आईपीसी की धारा 90 के प्रावधानों का स्वत: विस्तार. एक गंभीर पुनर्विलोकन करने की जरूरत है.'

उन्होंने यह भी कहा कि बलात्कार के लिए धारा 375 में बलात्कार को परिभाषित करने वाले 'घटकों' में से एक के रूप में शादी के झूठे वादे को शामिल नहीं करता है.

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए स्पष्ट किया है कि बलात्कार के आरोपों के आधार पर शादी के झूठे वादे को फिर से जांचने की जरूरत है, लेकिन अन्य उच्च न्यायालयों ने इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार रखे हैं.

SC  ने पिछले साल एक रेप  के मामले को खारिज करते हुए कहा था कि 'शादी का झूठा वादा जो इस समझ पर दिया जाता है कि यह टूट जाएगा' और 'वादे का उल्लंघन जो अच्छे विश्वास में किया जाता है लेकिन बाद पूरा नहीं किया गया में किया जाता है' के बीच अंतर था.

केरल उच्च न्यायालय ने भी पिछले साल एक 25 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ रेप  के एक मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक व्यक्ति का पहले से विवाहित महिला (जो अपने पति से अलग हो गई थी) से शादी करने का वादा धारा 376 के तहत बलात्कार के प्रावधानों को आकर्षित नहीं करेगा. 

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