NASA का International Space Station अब रिटायर होने वाला है, पॉइंट नीमों में होगा दफन
International Space Station: ISS को प्रशांत महासागर के पॉइंट नीमो में क्रैश किया जाएगा
International Space Station: अमेरिकी स्पेस एजेंसी (NASA) और दूसरे देशों की स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन्स के द्वारा मिलकर बनाया गया International Space Station अब रिटायर होने वाला है। इसे अब प्रशांत महासागर के पॉइंट नीमो में क्रैश कर दिया जाएगा जहां ISS हमेशा के लिए दफन हो जाएगा। NASA ने अपने पहले स्पेस स्टेशन को साल 2000 में अंतरिक्ष में भेजा था जहां अबतक 2 हज़ार से अधिक एस्ट्रॉनॉट्स और वैज्ञानिकों को रिसर्च के लिए भेजा जा चुका है।
जिन लोगों को ये नहीं मालूम कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है उन्हें बता दें कि यह एक जीता-जगता ऐसा स्टेशन है जहां अमेरिका सहित कई देशों के वैज्ञानिक रिसर्च के लिए पृथ्वी से अंतरिक्ष जाकर रहते हैं और कम से कम 6-6 महीने तक वहां रहते हैं। नासा ने इसे साल 2000 में अंतरिक्ष भेजा था जिसके बाद अलग-अलग देशों ने अंतरिक्ष में अपनी अन्य सेटेलाइट्स को इसमें कनेक्ट कर दिया था। इसका साइज़ किसी बड़े होटल जितना है और यह हमेशा पृथ्वी के चक्कर काटता रहता है। आपको अगर आसमान में चलती हुई टिमटिमाती लाइट दिखे तो उसे आप इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ही समझिये वो कोई एलियन का UFO नहीं है।
तो कब रिटायर हो रहा है ISS
नासा ने ISS को 30 साल तक सेवा में लेने के लिए भेजा था जो अब पूरा होने वाला है। साल 2030 में नासा अपने ISS को रिटायर कर देगी और इसे वापस पृथ्वी में क्रैश कर के प्रशांत महासागर के पॉइंट नीमो में हमेशा के लिए दफना दिया जाएगा। नासा का कहना है कि साल 2031 में ISS को डी-ऑर्बिट किया जाएगा और कक्षा से बाहर निकला जाएगा।
यपॉइंट नीमो क्या है (What Is Point Nemo)
पॉइंट निमो को आप अंतरिक्ष में भेजी जाने वाली सेटेलाइट्स का कब्रिस्तान कह सकते हैं. अंतरिक्ष में अभी लाखों ऐसी सेटेलाइट्स हैं जिनका अब इस्तेमाल नहीं हो सकता फिर भी वो अब पृथ्वी के चक्कर काटते रहते हैं ठीक ऐसा चन्द्रमा के साथ भी है। जो भविष्य में होने वाले मिशन के लिए घातक साबित हो सकता है और यूए भी रिस्क है कि अंतरिक्ष में छोड़े गए सेटेलाइट्स वापस पृथ्वी में आकर गिर जाएं। इसी लिए एक ग्रेवयार्ड बनाया गया है जहां नासा अपने बेकार अंतरिक्ष उपकरणों को वापस पृथ्वी में लाकर दफना देती है।
पॉइंट नीमो जमीन से 2700 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर का एक इलाका है, इसका नाम फ़्रांसिसी नॉवलिस्ट जूल्स वर्ने के ट्वेंटी थाउज़ेन्ट लीग्स अंडर द सी' के प्रसिद्द पनडुब्बी के नाविक नीमो के नाम पर रखा गया है।
पॉइंट नीमो में कई स्पेस स्टेशन और सेटेलाइट्स पहले से दफन हैं, अमेरिका, रूस, जापान और कई यूरोपीय देशों ने साल 1971 के बाद इस इलाके में अपने ख़राब हो चुके अंतरिक्ष सेटेलाइट्स को दफनाया है। यहां अबतक 263 अंतरिक्षयानों को दफनाया जा चुका है।
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