IAS Ummul Kher Success Story: गरीबी और बीमारी भी नहीं रोक सकी उम्मुल खेर की सफलता को, पहले ही अटेम्ट में क्लियर किया UPSC

IAS Ummul Kher Success Story: गरीबी और इतनी भयंकर बीमार को मात देकर Ummul Kher कैसे IAS अफसर बनी.. आइये जानते हैं..

Update: 2021-10-29 11:46 GMT

IAS Ummul Kher Success Story: भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल, यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा जिसमे हर वर्ष भारत के लाखों युवा उम्मीदवार भाग लेते हैं। यूपीएससी से मिली जानकारी के अनुसार करीब 10 लाख आवेदक प्रीलिम्स (Prelims) की परीक्षा देते हैं मगर केवल 10 हजार मैन्स में बैठ पाते हैं और कुछ बहुत ही तेज विद्यार्थी आईएएस (IAS) बन पाते हैं।

झुग्गी में रहकर और बीमारी से जूझ कर भी पढ़ने की लगन को जिंदा रखा


राजस्थान (Rajasthan) के पाली (Pali) में जन्मी उम्मुल खेर (Ummul Kher) जब छोटी थी तभी वह पूरे परिवार के साथ राजधानी दिल्ली (Delhi) के निजामुद्दीन इलाके में एक झुग्गी में रहती थी पर एक वक्त ऐसा भी आया जब उनकी झुग्गी को गिरा दिया गया और उनका पूरा परिवार बेघर हो गया। इसके बाद उनका परिवार दिल्ली के त्रिलोकपुरी में रहने लगा। गरीबी से जूझते परिवार के एकमात्र कमाने वाले, उनके पिताजी कपड़े बेचते थे उम्मुल खेर (Ummul Kher) को बचपन से ही (बोन फ़्रिजाइल डिसऑर्डर) यानी कि वह बीमारी जिसमें इंसान की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं इस बीमारी में व्यक्ति की हड्डियां कमजोर होकर टूट जाती हैं और उम्मुल (Ummul Kher) इस बीमारी से पीड़ित थी जिसकी वजह से उम्मुल को 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी से गुजरना पड़ा था।

ट्यूशन पढ़ाकर भरती थी स्कूल की फीस

उम्मुल (Ummul Kher) बचपन से ही आईएएस (IAS) बनने का ख्वाब देखती थी मगर उनके लिए यह सफर सिर्फ मुश्किलों से भरा था। घर की माली हालात खराब होने के कारण उन्हें झुग्गियों में रहना पड़ता था जिसके कारण उनकी पढ़ाई लिखाई को भी समझौतों का सामना करना पड़ता था मगर वह अपने पारिवारिक समस्याओं से अच्छी तरह परिचित थी, जिसके बाद उन्होंने ट्यूशन लेना शुरू किया और उसी पैसे से अपनी स्कूल की फीस भरा करती थीं।

पढ़ने लिखने में बहुत तेज थी Ummul Kher


कमाई हुई ट्यूशन की फीस से स्कूल की फीस भरकर उन्होंने दसवीं कक्षा में 91% अंक प्राप्त किए और कक्षा 12वीं में 89% अंक प्राप्त किए। जिसके बाद उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से स्नातक की पढ़ाई की और बाद में उम्मुल ने जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय अफेयर्स में एम.ए किया और फिर एमफिल/पीएचडी में प्रवेश लिया। जिसके बाद उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी शुरू की और अपनी कड़ी परिश्रम और लगन से पहले प्रयास में पूरे (Ummul Kher Rank) भारत में 420 वी रैंक प्राप्त की और 2017 में वह एक आईएएस (IAS) अधिकारी बनी,अब वह अपने जैसों को अपनी कहानी से प्रेरित कर रहीं हैं।

Article: Ayush Anand

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