बौद्ध भिक्षुओं का अंतिम संस्कार कैसे होता है? कभी सोचा है!

How are Buddhist monks cremated: बौद्ध धर्म में अंतिम ससंकार कैसे होता है?

Update: 2023-04-03 14:30 GMT

बौद्ध भिक्षुओं का अंतिम संस्कार कैसे होता है: अलग-अलग धर्म, पंथ और मजहब में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अलग-अलग होती है. कोई दाह संस्कार करता है तो कोई दफनाता है, कोई मृत शरीर को वीरान जगह में छोड़ देता है तो कुछ ऐसे भी समुदाय हैं जहां शव को सुरक्षित तरीके से रख दिया जाता है. 

ऐसे ही तिब्बत में बौद्ध धर्म में अंतिम ससंकार करने का तरीका बेहद अलग है. इस तरीके को Sky Burial Buddhism कहते हैं. 

Buddhist Monk Cremation Process – Sky Burial Buddhism

बौद्ध धर्म में संतों और साधुओं के साथ ही आम लोगों के अंतिम संस्‍कार की प्रक्रिया काफी अलग है. यहां मृत्‍यु के बाद ना तो शव को दफ़नाया जाता है और ना ही जलाया जाता है. बल्क़ि, शव के छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं. 

बौद्ध भिक्षुओं का अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया 

बौद्ध धर्म में किसी शख़्स की मौत होने पर शव को काफी ऊंची जगह पर ले जाया जाता है. बौद्ध धर्म के लोगों का कहना है कि उनके यहां अंतिम संस्‍कार की प्रक्रिया आकाश में पूरी की जाती है. 

तिब्‍बत में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के अंतिम संस्‍कार के लिए पहले से ही जगह मौजूद होती हैं. शव के पहुंचने से पहले ही बौद्ध भिक्षु या लामा अंतिम संस्‍कार स्थल पर पहुंच जाते हैं. 

'रोग्‍यापस' नाम का एक विशेष कर्मचारी शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर देता है. फिर उसे जौ के आटे में बने घोल में डुबोया जाता है.

फिर क्या होता है 

शव के टुकड़ों को जौ के आटे में मिलाकर रख दिया जाता है,  जिन्हें गिद्ध और चील खा जाते हैं. बाकी जो कुछ भी बच जाता है, उसे पीस कर चूरा बना दिया जाता है. इस चूरे को भी जौ के आटे में डुबोया जाता है और दूसरे पक्षियों को खिला दिया जाता है.  


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