आपको पता है? मिट्टी से बने घर सीमेंट और ईंटो के मकान से ज़्यादा अच्छे होते हैं
सीमेंट तो पर्यावरण के लिए भी नुकसान दायक है लेकिन मिट्टी तो वापस आसानी से पर्यावरण में वापस मिल जाती है
वो बचपन के दिन याद हैं जब गांव में गर्मी की छुट्टी मानाने के लिए गाँव जाते थे और मिट्टी से बने घरों में रहते थे, बाहर पीपल के पेड़ के निचे खाट बिछा कर आराम से सोते थे, वो भी क्या दिन थे, वैसे अब ज़माना मॉर्डन हो गया है अब तो गांव में भी पक्के मकान खड़े हो गए हैं लेकिन आज भी ऐसे कई इलाके हैं जहां गांव की झकल देखने को मिल जाती है. आपको पता है भले ही पक्का आवास हमारी सुविधा और सुरक्षा के लिहाज से मिट्टी के बने घरों की तुलना में बेहतर है और ये हमारे स्टेटस का भी सवाल है लेकिन मिट्टी के बने घरों की भी अलग विशेषता है जो आप चाह कर भी पक्के मकानों में नहीं पा सकते।
कार्बन फुटप्रिंट
लंदन की गैर-सरकारी संगठन Chatham House की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 'अगर सीमेंट उद्योग एक देश होता, तो ये 2.8bn टन तक का विश्व का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक देश होता, जो केवल चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ देता . 21वीं शताब्दी में सीमेंट मिट्टी की जगह एक विकल्प बन गया और ज़्यादातर आर्किटेक्ट ने इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. मगर इसकी तुलना में मिट्टी पुनर्नवीनीकरण योग्य होती है और इसे आसानी से खोदकर उपयोग में भी लाया जा सकता है. मिटटी के घर अगर टूट भी जाएं तो आप दोबरा उस मिटटी से एक घर बना सकते हैं या उस मिटटी का इस्तेमल कहीं और कर सकते हैं, लेकिन एक बार उपयोग में लाइ गई सीमेंट को दोबारा इस्तेमाल में नहीं ला सकते।
मिट्टी का घर बनाने में आसानी है
मिट्टी के घर बनाने के लिए चार बुनियादी निर्माण तकनीकें हैं जो जलवायु परिस्थितियों, जगह और इसके शेप पर डिपेंड करती है। मिट्टी, गाय का गोबर, घास, गोमूत्र और चूने का मिश्रण जिसे औज़ारों या फिर हाथों-पैरों से गूंथा जाता है, जिससे नीव और दीवारें बनाई जाती हैं. ईंटों को बनाने के लिए धूप-सूखी मिट्टी की ज़रूरत पड़ती है लकड़ी या बांस के डंडे को मिट्टी और रेत से बने चिपचिपे पदार्थ से पोता जाता है, रेत, बजरी और मिट्टी का मिश्रण बनाया जाता है जब तक कि ये ठोस न हो जाए. मिट्टी को आसानी से अन्य सामग्रियों के साथ मिश्रित किया जा सकता है और सभी चार निर्माण तकनीकों में समायोजित किया जा सकता है.
घर बनाने की लागत कम होती है
मिट्टी का घर बनाने की लागत बेहद कम होती है, आप चाहें तो बिना पैसे खर्च किए नेचुरल रिसोर्स से एक मिट्टी का घर बना सकते हैं, लड़की आपको जंगल से मिल जाएगी और मिट्टी तो हर जगह मिल ही जाती है इसके अलावा ना तो आपको लोहे की छड़ की जरूरत पड़ती है और ना ही आपको ईंट चाहिए वो भी आप मिटटी से ही बना सकते हैं, सीमेंट के घरों की तुलना में मिटटी के घरों की लगत 50% कम होती है।
पर्यावरण के लिए अच्छा
मिटटी तो पर्यावरण का हिस्सा है लेकिन सीमेंट एक केमिकल युक्त प्रोडक्ट है, मिटटी के घरों में इस्तेमाल की जाने वाली सारी सामग्री आसानी से दोबारा पर्यावरण में मिल जाती है, मिट्टी के घर बायोडीग्रेबल होते हैं। और मिट्टी का इस्तेमाल तो दोबरा भी किया जा सकता है ये कभी ख़राब नहीं होती है।
सर्दी में गर्मी और गर्मी में ठंडक मिलती है
गर्मी के दिनों में चाहें जितना भी गर्म मौसम हो लेकिन मिट्टी के घरों में ठंडक रहती है और सर्दी के दिनों में मिट्टी के घर आपको गर्मी देते हैं।