PM Vs CJI Who Is More Powerful: चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया या भारत के प्रधान मंत्री, ज्यादा पावरफुल कौन है?

CJI Vs PM Who Is More Powerful: प्राइम मिनिस्टर ज्यादा पावरफुल है या चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया

Update: 2023-07-20 07:23 GMT

Who Is More Powerful PM Or CJI: राजनीति और न्यायपालिका के प्रति जिज्ञासु लोगों के मन में हमेशा एक सवाल रहता है. भारत के प्रधान मंत्री और भारत के चीफ जस्टिस में ज्यादा शक्तिशाली कौन है? (Who is more powerful Prime Minister of India Or Chief Justice of India). सवाल सरल है लेकिन इसका जवाब बड़ा पेचीदा है. 

जाहिर से बात है कुछ लोग कहेंगे भारत के प्रधान मंत्री ज्यादा शक्तिशाली हैं तो कुछ ये भी कहेंगे कि चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया सबसे ताकतवर है. लेकिन भारत के संविधान में न्यायपालिका और पार्लियामेंट्री के बीच में कोई तुलना नहीं की गई है. और ना ही संविधान में कहीं ऐसा लिखा है कि प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ इंडिया सबसे पावरफुल हैं या चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया प्रधान मंत्री से ज्यादा शक्तिषाली हैं. 

प्रधान मंत्री या चीफ जस्टिस ज्यादा शक्तिशाली कौन है? 

PM Or CJI Who Is Most Powerful: संविधान इन दोनों के बीच में कोई भेद नहीं करता। लेकिन दोनों के बीच भेद तो होता जरूर है. प्रधान मंत्री को देश की जनता और सांसद चुनते हैं और CJI की नियुक्ति पूर्व CJI द्वारा शिफारिश कर राष्ट्रपति को प्रपोजल भेजकर चुना जाता है. CJI एक डिस्ट्रिक कोर्ट का जज भी प्रमोशन पाते-पाते बन सकता है और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाला अनुभवी वकील भी बन सकता है. 

प्रधान मंत्री और चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया दोनों के अपने-अपने अलग दायरे हैं. दोनों के विभाग अलग हैं जिनकी तुलना नहीं की जा सकती है. लेकिन दोनों में टकराव होते जरूर देखा जा सकता है. जब देश के हालत सरकार के हाथ से निकल जाते हैं तब सुप्रीम कोर्ट दखल देता है और सुप्रीम कोर्ट के मामले में सरकार दखल नहीं देती है जबतक कि कुछ गलत ना हुआ हो. 

CJI Vs PM की तुलना करना वैसा ही है जैसे क्रिकेट के मैदान में खेल रहे प्लेयर्स और एम्पायर का कम्पेरिजन करना। आप ही बताइये ज्यादा ताकतवर कौन है विराट कोहली या उन्हें मैदान के बाहर का रास्ता दिखाने वाला एम्पायर?

विराट का काम है अपनी टीम के लिए रन बनाना और एम्पायर का काम है रूल्स फॉलो करवाना, ना तो विराट बिना रन मारे अपना स्कोर बढ़ा सकते हैं और ना ही एम्पायर बिना आउट हुए किसी खिलाडी को मैदान से बाहर कर सकता है. दोनों अपनी-अपनी जगह पॉवरफुल हैं प्लेयर्स न हों तो गेम नहीं हो सकता और एम्पायर ना हो तो गेम रूल्स के मुताबिक नहीं हो सकता 

देखा जाए तो फाइनल जजमेंट एम्पायर देता है और उसकी बात सभी को मानना होता है लेकिन एक्चुअल पावर तो प्लेयर्स के पास है जिन्हे देखने के लिए पब्लिक जाती है. 

इसी तरह CJI और PM के बीच की पावर को कम्पेयर नहीं किया जा सकता लेकिन फिर भी अगर दोनों में से किसी एक को चुनना ही पड़े तो दोनों में सबसे ज्यादा अधिकार रखने वाला भारत का प्रधान मंत्री होता है. 

भारत के प्रधान मंत्री की शक्तियां 

भारत का प्रधान मंत्री लेजिस्लेटिव एंड एक्सिक्यूटिव पावर ऑफ़ द यूनियन का हेड होता है यानी संघ की विधायी एवं कार्यकारी शक्ति का प्रमुख आता है. मतलब भारत के प्रधान मंत्री के पास विधायी और कार्यकारी दोनों की पावर होती हैं. जैसे PM को अगर कोई नया ACT लाना है तो वो चाहें तो रातोरात उस ACT को पास कर सकते हैं. जैसे पीएम मोदी ने ट्रिपल तलाक, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, NCR-CAA लागु करने जैसे निर्णय रातोरात ले सकते हैं. पीएम चाहें तो रातोरात POK वापस लेने के लिए सेना को भेज सकते हैं. वो चाहें तो किसी भी राज्य का विभाजन कर नए राज्य बना सकते हैं, रातोरात किसी राज्य सरकार गिरा सकते हैं, सीएम बदल सकते हैं और चाहें तो एमरजेंसी, राष्ट्रपति शासन लागू करा सकते हैं. यूनियन बजट का पूरा कंट्रोल PM के पास होता है. 

चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की शक्तियां 

ज्युडिशरी का काम क्या है? अपराधी को सज़ा देना, दो लोगों/संस्थाओं/ पार्टियों/ के बीच का विवाद खत्म कर न्याय करना या जो सही है उसके पक्ष में फैसला सुनना। मान लीजिये पीएम ने कोई बिल पास कर दिया, लेकिन विपक्ष को यह Act पसंद नहीं आया, तो मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा जहां केस की सुनवाई CJI के अधीन होगी। फिर दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलील देंगे और अंतिम फैसला कोर्ट करेगा।

देखा जाए तो जब से न्यायपालिका को ज्यूडिशियल रिव्यू की पावर दी गई तभी से न्यायपालिका की शक्तियां बढ़ गईं. यानी ज्यूडिशरी एक्सिक्यूटिव या लेजिस्लेटिव के एक्शन्स को रिव्यू कर सकता है. जैसे क्या पीएम मिनिस्टर या लेजिस्लेटिव-एक्सिक्यूटिव द्वारा लिए गए एक्शन संविधान का पालन करते हैं या नहीं? सीधे शब्दों में कहें तो CJI इस बात की जांच कर सकते हैं कि सरकार ने जो किया है ठीक किया है या नहीं। CJI चाहें तो सरकार से देश के हालातों पर सवाल पूछ सकते हैं और आदेश भी दे सकते हैं. उसका पालन होना ना होना अलग बात है. 

भारत के प्रधान मंत्री ज्यादा शक्तिशाली है या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस 

PM Modi Vs CJI Chandrachud Who Is More Powerful: लेकिन अगर आपको एक स्पष्ट जवाब चाहिए तो इसका उत्तर यही है कि भारत में शक्तिशाली कोई व्यक्ति है तो वह प्रधान मंत्री पद पर बैठा हुआ शख्स है. और यह बात उस शख्स के व्यक्तित्व पर भी निर्भर करती है क्योंकि मनमोहन सिंह भी प्रधान मंत्री थे और पीएम मोदी भी प्रधान मंत्री हैं दोनों की पावर्स में बहुत बड़ा फर्क है. 


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