RRTS Project को 415 करोड़ देगी दिल्ली सरकार! SC ने कहा- विज्ञापन में 1100 करोड़ खर्च कर दिए, तो विकासकार्य में भी करो
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने RRTS Project के लिए पैसे देने से मना कर दिया था. SC ने होश ठिकाने लगा दिए
Supreme Court Delhi government RRTS Project: दिल्ली सरकार को ना चाहते हुए भी वीएसकार्य करना पड़ेगा। विज्ञापन में 1100 करोड़ रुपए खर्च करने वाली अरविंद केजरीवाल सरकार RRTS Project के विकास ले लिए 415 करोड़ रुपए देने से इंकार कर रही थी. लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के होश ठिकाने लगाते हुए इस प्रोजेक्ट के लिए फंड देने का आदेश जारी कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी RRTS प्रोजेक्ट के लिए 2 महीने के अंदर 415 करोड़ रुपए देने का आदेश सुनाया है. सोमवार को हुई सुनवाई में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु घुलिया की बेंच ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी से कहा- आपका एक साल का विज्ञापन बजट RRTS प्रोजेस्ट के लागत से ज्यादा है. विज्ञापन में इतना पैसे खर्च कर देते हैं तो निर्माणकार्य में भी करिये
RRTS प्रोजेक्ट के लिए 415 करोड़ देगी दिल्ली सरकार
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा- अगर पिछले तीन साल में विज्ञापनों में 1100 करोड़ रुपए खर्च किए जा सकते हैं तो दिल्ली सरकार जाहिरतौर पर इंफ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट क लिए फंड दे सकती है.
गौरतलब है कि इस मामले में पिछली सुनवाई पर दिल्ली सरकार ने कहा था कि उनसे पास फंड की कमी है और वह RRTS प्रोजेक्ट को पैसे नहीं दे सकती। जिसके बाद कोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल सरकार के पिछले 2 हफ्ते के विज्ञापन खर्च का ब्यौरा मांग लिया था.
RRTS प्रोजेक्ट क्या है
RRTS प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली को राजस्थान और हरियाणा से जोड़ने के लिए हाई स्पीड कंप्यूटर बेस्ड रेलवे सर्विस दी जानी है. रैपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के जरिए नॉन-पीक टाइम में माल ढुलाई की प्लानिंग है।रैपिड रेल RAPIDX 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी। जब RAPIDX में भीड़ कम रहेगी, तब उसे कार्गो पहुंचाने में यूज किया जाएगा।
लेकिन विज्ञापन में अरबों रुपए लुटा देने वाली केजरीवाल सरकार इस प्रोजेक्ट के विकास के लिए पैसे नहीं दे रही थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब दिल्ली सरकार को दो महीने के अंदर 415 करोड़ रुपए देने के निर्देश दिए हैं.