Story Of Parker Pen Company: पार्कर पेन कंपनी की कहानी, जिसे एक शिक्षक ने समस्या का हल खोजते बना दिया था
Story of the Parker Pen Company: पार्कर कंपनी की स्थापना कैसे हुई (How the Parker Company was founded), पार्कर पेन की संस्थापन कौन है (Who is the founder of Parker Pen), पार्कर पेन का मालिक कौन है (Owner Of Parker Pen);
History Of Parker Pen Company: पार्कर पेन आपने कभी न कभी इस्तेमाल किया होगा या किसी दूसरे को इस ब्रांडेड कंपनी के महंगे पेन से लिखते तो देखा ही होगा। स्कूल टाइम में हर बच्चे का सपना था कि वो भी अपने बास्ते में पार्कर का पेन लेकर चले. लेकिन आपको यह मालूम है कि पार्कर पेन कंपनी की शुरुआत कैसे हुई (How the Parker Pen Company Started) और पार्कर कंपनी की स्थापना कैसे हुई (How the Parker Company was founded), पार्कर पेन की संस्थापन कौन है (Who is the founder of Parker Pen), पार्कर पेन का मालिक कौन है (Owner Of Parker Pen). नहीं ना? कोई बात नहीं RewaRiyasat.Com आपको सब बता देगा
पार्कर पेन की कहानी
Story Of Parker Pen: ये बात है 1880 दशक की, अमेरिका के Wisconsin में Janesville में एक टेलीग्राफ़ी स्कूल में जॉर्ज शेफ़र्ड पार्कर (George Safford Parker) नामक एक शिक्षक हुआ करते थे. स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद वह साइड इनकम के लिए जॉन हॉलैंड गोल्ड' (John Holland Gold) के फ़ाउंटेन पेन बेचते थे. और यहीं से उन्होंने खुद की पेन निर्माता कंपनी बनाने की सोची
पार्कर पेन कंपनी कैसे शुरू हुई
Foundation Of Parker Pen: उस वक़्त जब जॉर्ज शेफ़र्ड पार्कर साइड इनकम के लिए जॉन हॉलैंड गोल्ड' (John Holland Gold) के फ़ाउंटेन पेन बेचते थे उसमे एक दिक्कत थी. उन पेन की स्याही लीक हो जाती थी जिससे स्टूडेंट्स की जेबें और बस्ते खराब हो जाते थे. क्योंकि उनकी क्वालिटी अच्छी नहीं थी जरूर इसी लिए वह लीक करते थे.
जॉर्ज शेफ़र्ड ने इस समस्या का निदान करने उस फाउंटेन पेन को सुधारने की कोशिश में जुट गए. इसके लिए उन्होंने अपने कुछ स्टूडेंट्स से मदद मांगी। जॉर्ज ने उस इंक लीक करने वाले फाउंटेन पेन को उपकरणों की मदद से सुधार भी दिया। और यहीं से पार्कर पेन कंपनी की शुरआत हुई. उन्होंने स्याही लीकेज समाधान को अपने नाम पर पेटेंट करवा लिया।
पार्कर पेन कंपनी की कहानी
इंक लीक सोल्यूशन खोजने और उसका पेटेंट करने के बाद जॉर्ज शेफर्ड पार्कर ने खुद का पेन बनाकर उन्हें बेचने की योजना बनाई। मगर इतना सब करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. लेकिन वो पैसों की कमी के डर से रुके नहीं बल्कि और काम करना शुरू किया। उन्होंने लकी कर्व फीड के रूप में ऐसा फार्मूला निकाला जिससे पेन की इंक को भी निकाला जा सकता था, इस सोल्यूशन को भी उन्होंने सन 1888 में पार्कर पेन कंपनी के नाम से पेटेंट कराया और अपनी कंपनी शुरू कर दी
पार्कर एक शिक्षक थे जिन्हे बिज़नेस और मार्केटिंग का ज्ञान नहीं था. उस वक़्त USA में John Holland, William Penn और H.B. Smith Pen जैसी बड़ी और नामचीन पेन निर्माता कंपनियां अपना पैर मार्केट में जाम चुकी थी. उनसे टक्कर लेना पहाड़ चढ़ने से ज़्यादा मुश्किल था.
लेकिन पार्कर पेन की मदद इंश्योरेंस ब्रोकर W. F. Palmer ने की, जॉर्ज शेफर्ड पार्कर को कंपनी शुरू करने के लिए इन्वेस्टमेंट के रूप में 1000 डॉलर मिल गए. W. F. Palmer 50% की मालिक बन गई. W. F. Palmer ने पार्कर से दोनों पेटेंट भी खरीद लिए. 1892 में पार्कर पूरी तरह से बिज़नेस फील्ड में उतर गए. आगे जाकर पार्कर पेन कंपनी नेवेल ब्रांड्स (Newell Brands) और पॉलीहेड्रॉन होल्डिंग्स (Polyhedron Holdings) जैसे संगठनों में बदल गई.
1998 तक पार्कर पेन अच्छा ब्रांड बन गया. शेफर्ड पार्कर और पामर ने 1899 में जॉइन्टलेस पेन मॉडल लांच किए और Janesville, Wisconsin के साउथ मेन स्ट्रीट में अपना ऑफ़िस खोला इसके बाद दुनियाभर में कंपनी के 100 डिस्ट्रीब्यूटर बन गए. 1908 तक पार्कर दुनिया की सबसे बड़ी पेन निर्माता कंपनी बन गई.
1937 में पार्कर पेन के फाउंडर जॉर्ज शेफर्ड पार्कर का देहांत हो गया. तब कंपनी के बाकी लोगों ने इसे संभाले रखा. वर्तमान में पार्कर कंपनी के मालिक Newell Brands है.