Government Business Scheme: 2 लाख लगाकर शुरू करे ये धांसू बिजनेस, साल भर में मिलेंगे 1 करोड़ रूपए, जानिए!

2 लाख लगाकर शुरू करे बिल्डर्स फ्लाई ऐश (Fly Ash Business) का बिजनेस हर महीने होगी लाखो की कमाई.

Update: 2021-11-17 09:08 GMT

मनी 

Government Business Scheme: आज के समय में लोग बिजनेस की तलाश कर रहे हैं। हर कोई बिजनेस कर अच्छा पैसा कमाना चाहता है। लेकिन जानकारी और मार्गदशन के अभाव में वह सभी बिजनेस का चुनाव नही कर पाता और बाद में बिजनेस बंद करना पड़ता है। लेकिन आज हम बेरोजगार भाइयों को एक ऐसे बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे अगर शुरू किया जाय तो अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है। यह बिजनेस है फ्लाई ऐस ईंट बनाने का। जिसे कम जगह में भी शुरू किया जा सकता है।

क्या है फ्लाई ऐस ईंट

फ्लाई ऐस ईंट क्रेसर प्लांटों के डस्ट से बनाया जाता है जो काफी मजबूत होता है। फ्लाई ऐस ईंट को बनाने में सीमेंट का भी उपयोग किया जाता है। ऐसे में इसकी गुणवत्ता बढ जाती है। इस ईट से घर बनोन में काई बार दीवार छपाई की आवाश्यकता कम हो जाती है जिससे इसे लोग ज्यादा पसंद कर रहे है।

वहीं बताया गया है कि अगर फ्लाई ऐस ईंट बनाने में आटोमेटिक मशीन का उपयोग किया जाय तो इसमें करीब 10 से 12 लाख रूपये का खर्च आता है। वही सरकार भी इस तरह का उद्योग लगने पर बेरोजगारों को मदद कर रही है। जहां से कम ब्याज पर आसनी से इस काम को शुरू किया जा सकता है।

ऐसे शुरू करें फ्लाई ऐस ईंट कारोबार

जानकारी के अनुसार फ्लाई ऐस ईंट का करोबार शुरू करने के लिए you can start fly ash bricks business, fly ash bricks, earn money, How to earn money, business idea, business news100 गज जमीन की आवश्यता होती हैं। वहीं मशीन आदि का खर्च मिलाकर करीब 2 लाख रुपये में इसे आसानी से शुरू किया जा सकता है। इस कारोबार से हर माह आसानी से 1 लाख रुपये तो वर्ष में करोड़ रूपये कमाए जा सकते है।

पहाडी इलाकों में ज्यादा मांग

वही पहाडी इलाकों में तो इसकी काफी मांग है। क्योंकि वहां मिटटी की ईट कम ही बन पाती है। मिट्टी की इंर्ट बनाने के लिए खास मिट्टी की आवाश्यकता होती हैं जो वहां कम मात्रा में मिलती है। ऐसे में फ्लाई ऐस ईट वहां के लिए काफी उयोगी है।

फ्लाई ऐस ईंट की सरकारी कामों में भी मांग ज्यादा है। क्योंकि सरकारी कार्यालयों से लेकर सड़कों के फुटपाथ बनाने में इसी फ्लाई ऐस ईंट का उपयोग हो रहा है। सरकारी भवनों में इन ईटों का उपयोग किया जाने लगा है।

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