Bonsai Plant Business: बोन्साई प्लांट का बिजनेस कर घर बैठे कमाएं लाखो रूपए, सरकार भी करेगी मदद, जानिए कैसे?
बोन्साई प्लांट (Bonsai Plant Business) को उगाने और बेचने का काम शुरू कर सकते हैं.
Bonsai Plant Business: इन दिनों औषधीय पौधों की डिमांड काफी बढ़ गई है। कई लोग इस बिजनेस से काफी पैसा कमा रहे हैं। आप भी बोन्साई प्लांट को उगाने और बेचने का काम शुरू कर सकते हैं। इससे आप घर बैठे अच्छी कमाई करके स्वरोजगार मूलकः हो सकते है।
इस बिजनेस को 20,000 रुपए में शुरू किया जा सकता हैं। इसे अपनी जरूरत के हिसाब से छोटे या बड़े लेवल पर शुरु करें, इसके बाद प्रॉफिट और सेल बढ़ने पर बिजनेस को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। बोन्साई प्लांट का इस्तेमाल सजावट के अलावा ज्योतिष और वास्तुकला के लिए भी किया जाता है।
दो तरह से कर सकते है व्यापार
इस बिजनेस को दो तरह से किया जा सकता हैं। एक तो बहुत ही कम पैसे लगाकर अपने घर पर ही ये बिजनेस शुरू कर सकते हैं, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा. क्योंकि बोन्साई प्लांट को तैयार होने में कम से कम दो से पांच साल का समय लगता है। इसके अलावा आप नर्सरी से तैयार प्लांट लाकर उन्हें 30 से 50 फीसदी अधिक कीमत पर भी बेच सकते हैं।
माना जाता है लकी प्लांट
कई लोग इसे लकी प्लांट मानते हैं. इसलिए इसे घर और ऑफिस में सजावट के लिए रखा जाता है। इस प्लांट की डिमांड काफी बढ़ गई है. बाजार में ये पौधे 200 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक बेचे जा सकते हैं। बोन्साई प्लांट के शौकीन लोग इसकी मुंह मांगी कीमत भी देने के लिए तैयार रहते हैं।
इसकी पड़ती है जरूरत
इस व्यवसाय के लिए कच्चे माल के रूप में साफ पानी, रेतीली मिट्टी या रेत, गमले और कांच के पॉट, जमीन या छत, 100 से 150 वर्ग फुट, साफ कंकड़ या कांच की गोलियां, पतला तार, पौधों पर पानी छिड़कने के लिए स्प्रे बॉटल, शेड बनाने के लिए जाली की जरूरत होगी। इस बिजनेस को छोटे लेवल पर शुरू करने के लिए करीब 5000 रुपये की जरूरत पड़ेगी. वहीं अगर इसे बड़े लेवल पर स्टार्ट करना चाहते हैं तो 20000 रुपये तक का खर्च आएगा।
सरकार करती है मदद
बोन्साई प्लांट के व्यापार को सरकार भी बढ़ावा दे रही है। जानकारी के तहत तीन वर्ष में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी, जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट सरकारी सहायता मिलती है। इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसानों को पैसा लगाना होता है। 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होती है। जबकि नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान को पैसा लगाना होता है। पौधे तैयार होने के बाद 3.5 लाख रुपए की कमाई होने लगेगी।