मध्यप्रदेश के 16 जिलों में अघोषित अवैध कॉलोनियों को मिलेंगे बिजली कनेक्शन

मध्यप्रदेश के 16 जिलों में अघोषित अवैध कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन लिए जा सकेंगे। जिसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है।

Update: 2022-12-16 10:14 GMT

मध्यप्रदेश के 16 जिलों में अघोषित अवैध कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन लिए जा सकेंगे। जिसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इन कॉलोनियों के रहवासियों को भूखंड के क्षेत्रफल के आधार पर विद्युत अधोसरचना शुल्क, कनेक्शन शुल्क एवं सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेज राशि की गणना करा राशि निर्धारित कर दी गई है। जिसके लिए 34 से 88 हजार रुपए तक चुनाने होंगे।

यह राशि की गई तय

मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अघोषित अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने की पहल शुरू की है। जिनके पास स्वयं का स्थाई बिजली कनेक्शन नहीं है उनको कनेक्शन मुहैया कराया जाएगा। 500 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के गरीबी रेखा से नीचे के रहवासियों को 34 हजार 256 रुपए एकमुश्त जमा करने के बाद स्थायी विद्युत कनेक्शन मुहैया कराया जाएगा। वहीं इतने ही क्षेत्रफल के गरीबी रेखा से ऊपर के रहवासियों को 34 हजार 322 रुपए देने होंगे। जबकि 501 से 1000 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के लिए 51 हजार 223 रुपए, 1001 से 1500 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के लिए 71 हजार 188 रुपए और 1501 से 2000 वर्गफुट क्षेत्रफल के लिए स्थायी विद्युत कनेक्शन हेतु 88 हजार 875 रुपए चुकाने होंगे।

इन जिलों के लोग ले सकेंगे लाभ

अघोषित अवैध कॉलोनियों में स्थायी विद्युत कनेक्शन का लाभ इन जिलों के लोगों को मिल सकेगा। भोपाल संभाग के भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ और विदिशा, ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और दतिया, नर्मदापुरम संभाग के नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल और चंबल संभाग के शिवपुरी, मुरैना और भिंड जिले शामिल किए गए हैं। बिजली कंपनी ने इन जिलों के लोगों से अनुरोध किया है कि अघोषित अवैध कॉलोनियों के लिए स्थायी कनेक्शन ले लें अन्यथा जांच में यदि बिजली चोरी पाई जाती है तो विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 के तहत प्रकरण बनाकर संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आरोप सिद्ध पाए जाने पर बिजली चोरी के प्रकरणों में जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है।

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