एमपी में आउसोर्सिंग से लैब टेस्ट में गड़बड़ी, पांच जिलों के सरकारी अस्पतालों की होगी जांच
मध्यप्रदेश में आउटसोर्सिंग से लैब टेस्टिंग में गड़बड़ी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। एनएचएम की मिशन संचालक प्रियंका दास द्वारा जिलेवार जांच दल बनाकर ऑडिट कराने के आदेश दिए गए हैं।;
मध्यप्रदेश में आउटसोर्सिंग से लैब टेस्टिंग में गड़बड़ी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। एनएचएम की मिशन संचालक प्रियंका दास द्वारा जिलेवार जांच दल बनाकर ऑडिट कराने के आदेश दिए गए हैं।दरअसल प्रदेश के 51 जिला अस्पतालों और 35 सिविल अस्पतालों में वेट लीज रिएजेंट मॉडल पर लैब टेस्ट की व्यवस्था की गई थी। हब एवं स्पोक मॉडल पर प्रारंभ की गई इस व्यवस्था में बड़े अस्पतालों में सेंट्रल पैथोलॉजी लैब स्थापित कर दूसरे छोटे अस्पतालों से आने वाले मरीजों की जरूरी जांचें की जाती हैं।
इन अस्पतालों की जांच के निर्देश
छोटे अस्पतालों के मरीजों की जरूरी जांचें बड़े अस्पतालों में किए जाने की व्यवस्था दो साल पहले प्रारंभ की गई थी। जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आ रही थीं। बताया गया है कि कई अस्पतालों में जांचों का आंकड़ा बहुत कम है तो कुछ जिलों में यह आंकड़ा बहुत अधिक है। सिविल अस्पताल जावरा जिला रतलाम, रतलाम मिजा अस्पताल, भिंड जिला अस्पताल, ग्वालियर जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल हजीरा जिला ग्वालियर, विदिशा जिला अस्पताल की जांच के लिए सीएमएचओ, जिला अस्पतालों के पैथोलॉजिस्ट, एम एंड ई ऑफिसर को ऑडिट करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश एनएचएम की मिशन संचालक प्रियंका दास द्वारा दिए गए हैं।
जांच में यह बिंदु होंगे शामिल
एनएचएम की मिशन संचालक द्वारा पांच सरकारी अस्पतालों की लैब टेस्ट में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद जांच के आदेश जारी किए हैं। जांच के दौरान बीते 6 महीने में लैब में स्थापित उपकरणों और मेन्युअल जांचों की संख्या, सैंपल कलेक्शन और जांचों की एंट्री अस्पताल में पदस्थ लैब टेक्नीशियन, आउटसोर्स कम्प्यूटर कर रहे हैं या फर्म द्वारा उपलब्ध कराए गए कम्प्यूटर ऑपरेटर से कराई जा रही है। जांचों की सलाह देने वाले डॉक्टर का नाम पर्चे पर अंकित किया जा रहा है या नहीं। लैब में उपलब्ध उपकरणों में संस्था में पदस्थ शासकीय लैब टेक्निशियन द्वारा जांच की जा रही है या आउटसोर्स एजेंसी द्वारा उपलब्ध लैब टेक्निशियन द्वारा जांच की जा रही है। प्रतिदिन की गई जांचों का वेरिफिकेशन और हर महीने के देयकों का सत्यापन लैब प्रभारी के आईडी पासवर्ड से किया जा रहा है या नहीं। लैब में बीते छह महीने में की गई जांचों के इनवाइस का सत्यापन लैब प्रभारी द्वारा किया गया है अथवा इनवाइस ऑटो वेरिफकेशन द्वारा सत्यापित हुई है सहित अन्य बिंदु शामिल हैं।