गर्भाशय कैंसर के लिए जिम्मेदार एचपीवी वायरस का पता लगाने के लिए अब कठिन जांचें कराने की जरूरत नहीं रहेगी। इस वायरस का पता अब यूरिन सैंपल से आसानी से चल जाएगा।