पृथ्वी जीवित है: अंडरग्राउंड फंगी नेटवर्क आपस में बात करते हैं, अथर्ववेद में भी यही लिखा है

Earth Is A Living Thing: वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि पृथ्वी एक जीता-जागता गृह है जो बुद्धिमान भी है, आप इसे एक विशालकाय जीव कह सकते हैं जिसमे जीवन है

Update: 2023-06-05 07:00 GMT

Earth Is A Living Thing: पृथ्वी को लेकर वैज्ञानिकों ने एक बहुत बड़ी रिसर्च की है, उनका कहना है कि पृथ्वी एक जीवित गृह है, आप इसे एक जीवित वस्तु कह सकते हैं. पृथ्वी ना सिर्फ एक जीवित वस्तु है बल्कि इसके पास खुद की बुद्धि है, वैज्ञानिक इसे प्लांटरी इंटेलिजेंस कहते हैं. 


इस रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ एस्ट्रोबाइलॉजी में प्रकाशित किया गया है, जिसमे यह बताया गया है कि पृथ्वी सिर्फ एक गृह नहीं है जिसमे जीवन है बल्कि यह खुद एक जीवित वस्तु है, पृथ्वी पर अंडरग्राउंड फंगी का एक विशाल नेटवर्क है जो पूरी धरती में फैला हुआ है, इन नेटवर्क से फंगी आपस में संवाद करते हैं, इसे आप ना दिखने वाली बुद्धिमता कह सकते हैं. 

ऐसा कैसे हो सकता है 


इस खोज का रिसर्च पेपर लिखने वाले वैज्ञानिक और शोधकर्ता एडम फ्रैंक यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोचस्टर का कहना है कि पृथ्वी के जीवित गृह है, इसे आप एक विशालकाय जीव कह सकते हैं जिसके ऊपर जीवन है, एक ऐसा जीव जिसपर अन्य प्राणियों का जीवन निर्भर करता है।  उन्होंने कहा कि इंसानों के कारण पृथ्वी तकलीफ में है, हम अगर पृथ्वी की भावनाओं को समझ सकें तो यह पता लगाया जा सकता है कि हमें पृथ्वी के साथ कैसा व्यव्हार करना है। 

इस रिसर्च से क्या फायदा होगा 


खोजकर्ताओं का कहना है कि अगर हम फंगी नेटवर्क को समझ लेते हैं तो ना सिर्फ पृथ्वी में होने वाले बदलाव जैसे क्लाइमेट चेंज से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि दूसरे ग्रहों में जीवन की संभावनाओं को भी तलाशा जा सकता है।  जैसे पेड़-पौधे भी जीवित होते हैं लेकिन उनमे तार्किक क्षमता नहीं होती, वृक्ष भी फोटोसिंथेसिस के ज़रिये खुद को जिन्दा रखते हैं. वैसे ही पृथ्वी ही एक जीवित प्राणी है जिसमे तार्किक क्षमता भी है. सुनने में यह मजाक लगता है लेकिन इस दुनिया में बहुत कुछ है जो इंसानों के समझ से परे है. 

अथर्ववेद में क्या लिखा है 

सनातन धर्म का पाठ पढ़ाने वाले वेदों में ऐसी कई बातें लिखी हैं जिसकी पुष्टि आज वैज्ञानिकों की रिसर्च करती है, इस ब्रम्हांड की संरचना से लेकर हर एक प्राणी, जीवन, मौत, बाहरी जीवन से लेकर ऐसा सब कुछ वेदों में हज़ारों साल पहले ही लिख दिया गया था।

इस रिसर्च में भी जो बातें कही गई हैं वो प्रमुख 4 वेदों में से एक अथर्ववेद में यह लिखा है कि "माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः" अर्थात पृथ्वी सिर्फ एक जीवित प्राणियों की जमीन नहीं है बल्कि खुद जीवित है। यह माँ हैं और हम इसके बच्चे हैं. अथर्ववेद में पृथ्वी को "भूदेवी" कहा जाता है। 


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