राम मंदिर का निर्माण तो पूरा होने वाला है, अयोध्या में बन रही मस्जिद का निर्माण कहां तक पहुंचा?

अयोध्या मस्जिद का निर्माण कितना हुआ ये जानकर आप हैरानी में पड़ जाएंगे

Update: 2023-05-18 13:30 GMT

Ayodhya's New Mosque Construction: श्री राम जन्मभूमि का फैसला सुनाए लगभग तीन साल बीत चुके हैं. हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम की जन्म भूमि में भव्य राम मंदिर का काम तेजी से चल रहा है जो 2023 के खत्म होने से पहले पूरा हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दुओं के पक्ष में फैसला तो सुनाया था साथ ही मुसलमानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बाबरी मस्जिद के स्थान पर नई मस्जिद बनवाने के लिए जमीन भी दी थी. आइये जानते हैं अयोध्या की मस्जिद का निर्माण कितना पूरा हुआ 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2019 में मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए धन्नीपुर में 5 एकड़ जमीन अलॉट की थी. जिसमे खूबसूरत डिज़ाइन वाले मस्जिद निर्माण का प्रपोजल रखा गया था. इस मस्जिद का काम दिसंबर 2023 तक पूरा होना था. 

अयोध्या मस्जिद का निर्माण कब पूरा होगा 

Dhannipur Ayodhya Mosque: धन्नीपुर अयोध्या मस्जिद का निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ है. 5 एकड़ जमीन में अभी तक एक ढेला मिटटी तक नहीं खोदी गई है. जबकि इसे 2023 के अंत में पूरा होना था. मस्जिद के अलावा इस परिसर में Maulvi Ahmadullah Shah Complex नाम का 200 बेड वाला हॉस्पिटल, कम्युनिटी किचन और 1857 से लेकर देश की आज़ादी तक मुसलमानों द्वारा भारत के लिए लड़ी लड़ाइयों से जुडी किताबों की लाइब्रेरी होगी। लेकिन इतना सब प्लानिंग करने के बाद भी मस्जिद की नीव तो क्या एक ईंट भी नहीं डाली गई है. 


धन्नीपुर मस्जिद का निर्माण 

इस मस्जिद का डिज़ाइन प्रोफेसर एसएम अख्तर हेड फेकेल्टी ऑफ़ आर्किटेक्चर जामिया मिलिया इस्लामिया ने बनाया है. इस मस्जिद का निर्माण करने के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को जिम्मा मिला है. 

बोर्ड का कहना है कि हमने काम्प्लेक्स का मैप अयोध्या डेवलोपमेन्ट ऑथरिटी को सौंपा है. लेकिन कोविड के कारण यह डिले होता गया. इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सेक्रेटरी अख्तर हुसैन का कहना है कि इमारत बनाने के लिए सभी तरह की अनुमतियां मिल चुकी हैं.  

इस मस्जिद का निर्माण इस साल नवंबर से शुरू किए जाने की योजना थी. मगर यह शुरू नहीं हो सका. PTI का कहना है कि जहां मस्जिद के लिए जमीन दी गई है. वहां पहुँचने के लिए सड़क काफी छोटी है. इस रास्ते में घर, जानवरों का हॉस्पिटल भी है. और यह जमीन अबतक खेती के लिए इस्तेमाल होती आई है. 

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