Tokyo Olympics 2020: 41 साल बाद भारत ने जीता हॉकी में मेडल, जर्मनी को 5-4 से मात दी
Tokyo Olympics 2020 में भारत ने इतिहास रच दिया है. चार दशक बाद भारत को हॉकी में मेडल मिला है. भारत ने कांस्य पदक जीत लिया है.
टोक्यो ओलिंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारत ने इतिहास रच दिया है. चार दशक बाद भारत को हॉकी में मेडल मिला है. 41 साल बाद भारत ने कांस्य पदक (Bronze Medal) जीत लिया है. भले ही भारत की खराब शुरुआत रही हो लेकिन भारत ने जर्मनी के खिलाफ लगातार गोल दागकर वापसी की. लेकिन इसके बाद जर्मनी ने दो और गोल दागकर भारत पर दबाव बना लिया था. हांलाकि इसके बाद टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी की, महज दो मिनट के मैच में बढ़त बनाकर 5-4 से मात दे दी है.
टीम जर्मनी ने मैच के पहले ही मिनट भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. पहले ही मिनट में जर्मनी ने गोल दाग दिए थें. जर्मन प्लेयर Timur Oruz ने फील्ड गोल किया था. जिसके बाद जर्मनी ने 1-0 से बढ़त बना ली थी. इस दौरान टीम इंडिया को जवाबी हमला करने का मौक़ा भी मिला लेकिन टीम इसपर चूक गई थी. भारत को पांचवे मिनट में पेनल्टी गोल करने का मौक़ा भी मिला था. लेकिन रूपेन्दर सिंह ने इसे गवां दिया.
पहले क्वार्टर में जर्मनी टीम इंडिया पर हावी रही. पहले ही मिनट में गोल दागकर उसने अपने मंसूबे साफ़ कर दिए थें कि भारत पर दवाब बनाए रखना है. पहले क्वार्टर में जर्मनी बढ़त बनाई रखी. क्वार्टर के अंत में जर्मनी को पेनल्टी कार्नर मिला, लेकिन भारत ने शानदार बचाव करते हुए उसे 1-0 पर ही रोंके रखा था. श्रीजेश ने दो गोल बचाए.
दूसरे हाफ में भारत ने जर्मनी पर दवाब बनाना शुरू कर दिया. जर्मनी के खिलाड़ियों को छकाते हुए भारत ने लगातार गोल दागने शुरू कर दिए. भारतीय टीम के योजनास्वरूप जर्मनी पर दवाब बढ़ता गया और भारत ने बिना मौके गवाएं गोल दागने शुरू कर दिए.
भारत ने ऐसे पलट दिया मैच
एक वक्त ऐसा भी था मैच में जब जर्मनी 3-1 से आगे था. लेकिन फिर भारत ने जबरदस्त खेल दिखाते हुए जर्मनी को चारों खाने चित कर दिया. गोलकीपर श्रीजेश ने भी गोल पर खड़े होकर जर्मनी को कोई बढ़त लेने का मौका अंतिम क्षणों में नहीं दिया. कई पेनाल्टी स्ट्राक्स भी रोकीं. सिमरनजीत सिंह ने 3 गोल करते हुए भारत की मैच में वापसी कराई. जर्मनी की टीम दूसरे हाफ में वो कमाल नहीं दिखा पाई जो उसने पहले हाफ में दिखाया था.
भारत की तरफ से पहला गोल सिमरनजीत सिंह ने किया. यह टोक्यो ओलंपिक में उनका दूसरा गोल था. दूसरा गोल करने का मौका हार्दिक सिंह को मिला. तीसरा गोल करने का मौका फिर सिमरनजीत सिंह के हिस्से आया. चौथा गोल रुपिंदर पाल सिंह ने किया, जिन्होंने पेनाल्टी स्ट्रोक को गोल में तब्दील कर दिया. यही वो लम्हा था, जब भारत मैच में 4-3 से आगे हो गया था और फिर पांचवां गोल सिमरनजीत सिंह ने किया, जिसके बाद भारत ने 5-4 की बढ़त जर्मनी पर ले ली, जो मैच के अंत तक बनी रही.