सतना: जिले में धर्मातरण की प्रक्रिया तेज़, कलेक्टर से जवाब-तलब, सात दिन में देनी होगी रिपोर्ट, दिल्ली तक पहुंचा मामला
Satna MP News: सतना जिले में धर्मातरण की गतिविधियों को जिला प्रशासन ने भले ही सामान्य माना हो लेकिन अब यह मामला दिल्ली तक पहुंच गया है।
सतना- जिले में धर्मातरण की गतिविधियों को जिला प्रशासन ने भले ही सामान्य माना हो लेकिन अब यह मामला दिल्ली तक पहुंच गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने जिला कलेक्टर को पत्र लिख कर सात दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि विद्यालयों धर्मांतरण की प्राप्त शिकायतों के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिख कर जानकारी जांच रिपोर्ट मांगी है।
बेहतर स्वास्थ्य के नाम पर धर्मांतरण
आयोग के चेयरपर्सन पियंग कानूनगो ने कलेक्टर को भेजे पत्र में कहा है कि आयोग को इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है कि कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को प्रार्थना सभाओं में यह कह कर बुलाया जाता है कि गॉड जीसस उनकी सेहत सुधार सकते हैं। इस तरह का भ्रम फैलाकर आयोजकों द्वारा धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा है।
यह सभी गतिविधियां जिले के विद्यालयों में हो रही है। इस तरह के आयोजनों से विद्यालय का वातावरण तो खराब होता ही है साथ ही धार्मिक भावनाएं भी आहत होती है। इस तरह की गतिविधियों से ऐसी आशंका उत्पन्न हो रही है कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को भी धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा होगा।
जुनेवाइल जस्टिस का उल्लंघन
आयोग ने अपने भेजे पत्र में कहा है कि यह मामला प्रथम दृष्ट्या बाल अधिकारों का हनन और और बालकों के संरक्षण के लिए बने जुनेवाइन जस्टिस का उल्लंघन माना है। अयोग ने सतना कलेक्टर को मामले की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित करने और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है। आयोग ने जांच रिपोर्ट सात दिन में देने का समय दिया है।
विहिप-बजरंग दल ने की थी शिकायत
आयोग ने जिस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सतना कलेक्टर को पत्र भेजा है वह शिकायत विहिप और बजरंग दल की नागौद इकाई द्वारा की गई थी। इस मामले की शिकायत नागौद थाने में भी की गई थी। शिकायती आवेदन में विहिप और बजरंग दल ने कहा था कि सत्य निकेतन स्कूल में शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर लोगों को बुला कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। मामले की शिकायत थाने में की गई, जब पुलिस ने कुछ नहीं किया तो इस मामले की शिकायत बाल संरक्षण आयोग में की गई।