Good News: एमपी सतना में परिंदों को भूख व प्यास से बचाने बढ़ाए हाथ, कलेक्टर बंगले से हुई पात्र लटकाने की शुरुआत
Satna News: एमपी के सतना में परिदों को भूख व प्यास से बचाने लोगों ने हाथ आगे बढ़ा दिए हैं। आरंभ समिति द्वारा पक्षियों के लिए पानी के पात्र लटकाने की शुरुआत कलेक्टर बंगले से की गई।
एमपी के सतना में परिदों को भूख व प्यास से बचाने लोगों ने हाथ आगे बढ़ा दिए हैं। आरंभ समिति द्वारा पक्षियों के लिए पानी के पात्र लटकाने की शुरुआत कलेक्टर बंगले से की गई। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने अपने बंगले में अलग-अलग स्थानों पर परिंदों के लिए मिट्टी के पात्र रखे। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि इस भीषण गर्मी में हम मनुष्य तो पानी की व्यवस्था कर लेते हैं। किंतु बेजुबान परिंदे दाना व पानी के लिए भटकते रहते हैं।
आरंभ समिति के युवाओं ने की पहल
गर्मी की सबसे अधिक मार परिंदों पर पड़ती है। गर्मी में अधिकांश नदी, तालाब सूख जाते हैं जिससे इनको पानी का संकट उत्पन्न हो जाता है। परिंदों को प्यास से बचाने के लिए आरंभ समिति के युवाओं ने इस बार अभियान की शुरुआत कलेक्टर बंगले से की। कलेक्टर अनुराग वर्मा द्वारा परिंदों के पानी के लिए मिट्टी के पात्र अलग-अलग स्थानों पर रखे। सामाजिक क्षेत्र में युवाओं की एक नई सोच के साथ काम करने वाली समाजसेवी संस्था आरंभ ने पक्षियों के लिए पानी के पात्र की व्यवस्था प्रारंभ कर दी है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि सभी को अपने घरों और प्रतिष्ठानों में परिदों के पानी के पात्र की व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे भूख व प्यास से इन्हें तड़पना न पड़े।
प्यास से दम तोड़ देते हैं परिंदे
शहरीकरण के इस दौर में न तो तालाब बचे हैं और न ही कुएं। जो बचे भी हैं वह अक्सर गर्मी के मौसम में सूख जाते हैं। समिति के अध्यक्ष अंकित रॉकी शर्मा ने बताया कि गर्मी के मौसम में परिंदे पानी के लिए भटकने मजबूर हो जाते हैं। पक्षियों को पानी नहीं मिलता जिससे प्यास से इनकी मौत तक हो जाती है। आरंभ समिति द्वारा हर वर्ष पक्षियों के लिए पानी का इंतजार किया जाता है। इनके लिए जगह-जगह पात्र टांगकर उनमें रोजाना पानी भरा जाता है। जिसको आरंभ समिति के कार्यकर्ता समर्पण के साथ इस जिम्मेदारी को निभाते हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि गर्मी के मौसम में परिंदों के लिए ऐसी व्यवस्था करना आवश्यक है। पृथ्वी का संतुलन बनाए रखने के लिए पशु पक्षी भी जरूरी हैं। ऐसा करके हम प्यास से तड़पकर मौत का शिकार होने वाले पक्षियों की जान बचा सकते हैं।