Bansagar Dam: लबालब होने से चंद कदम दूर है देवलोंद स्थित बाणसागर बांध, गत वर्ष की तुलना में अब तक ज्यादा हुआ जलभराव

Rewa News: एमपी के रीवा जिले में भले ही इस साल बारिश मात्र 60 फीसदी ही हुई हो लेकिन देवलोंद स्थित बाणसागर बांध लबालब होने की ओर अग्रसर है। मानसून सत्र के अंतिम समय में एक बार फिर से बांध का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है।

Update: 2023-09-15 07:07 GMT

एमपी के रीवा जिले में भले ही इस साल बारिश मात्र 60 फीसदी ही हुई हो लेकिन देवलोंद स्थित बाणसागर बांध लबालब होने की ओर अग्रसर है। पड़ोसी संभाग शहडोल में हुई बरसात के बीच विंध्य क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी कहे जाने वाले देवलोंद स्थित बाणसागर बांध ने पिछले साल के जलस्तर को पीछे छोड़कर वर्तमान समय तक की स्थिति में 20 सेंटीमीटर ज्यादा जलभराव कर लिया है। लिहाजा आने वाले दिनों में विंध्यवासियों को सिंचाई के साथ-साथ बिजली के लिए आवश्यक पानी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

रुक-रुककर जारी है बारिश का दौर

मानसून सत्र के अंतिम समय में एक बार फिर से बाणसागर बांध का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। अगस्त महीने में हुई बारिश के बाद तेजी से बाणसागर बांध का जलभराव हुआ था, उसके बाद बारिश का दौर थम गया था। जिसके चलते बाणसागर के कैचमेंट एरिया में पानी की आवक कम होने लगी थी। ऐसे में अधिकारी इस चिंता में थे कि आखिर बारिश नहीं हुई तो बाणसागर फुल भराव की ओर नहीं पहुंच सकेगा किंतु सप्ताह भर से विंध्य क्षेत्र में रुक.रुककर हो रही बारिश की वजह से बांध में प्रतिदिन 777 एमसीएम पानी की आवक होने से बांध अब केवल 1.10 सेंटीमीटर ही खाली रह गया है। यदि इसी तरह बारिश का दौर जारी रहा तो जल्द ही बांध भर जाएगा।

जल संसाधन विभाग कर रहा निगरानी

गौरतलब है कि बाणसागर के जलभराव पर नजर रखने के लिए जहां वर्षामापी यंत्र से नजर रखी जा रही है तो वहीं जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी नियमित तौर पर निगरानी कर रहे हैं। खास बात यह है कि विंध्य के शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया तथा कटनी क्षेत्र से लगातार बाणसागर बांध में पानी की आवक होने से बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक यदि इसी तरह बारिश होती रही तो सप्ताह भर के अंदर बाणसागर बांध लबालब हो जाएगा। एफआरएल का स्तर महज 1.10 सेंटीमीटर ही बकाया है तो वहीं कैचमेंट एरिया से आ रहे पानी की वजह से जलभराव हो रहा है।

पर्याप्त होगा विद्युत उत्पादन

बाणसागर बांध फुल भर जाने के बाद टोंस जल विद्युत परियोजनाओं की सभी इकाइयों को विद्युत उत्पादन के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। ऐसे में विद्युत का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा तो वहीं किसानों को खेती के लिए सिंचाई हेतु दिए जाने वाले पानी पर भी किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। जलभराव नहीं होने की वजह से कई बार सीडब्ल्यूसी नहर में पानी छोड़े जाने पर कटौती की जाती थी।

कैचमेंट एरिया से पहुंच रहा पानी

जल संसाधन विभाग ने बाणसागर बांध में हो रही पानी की आवक मापने के लिए वर्षामापी यंत्र स्थापित कर होने वाली वर्षा का आंकलन प्रतिदिन कर रहा है। इतना ही नहीं जितनी पानी की आवक हो रही है उसका भी आंकलन हो रहा है। कैचमेंट एरिया में पानी आने से बांध की स्थिति सुधर रही है। हालांकि बाणसागर में इस समय जहां पानी की आवक हो रही तो वहीं बांध से 125 क्यूमेक्स पानी प्रतिदिन छोड़ा जा रहा है। सीडब्ल्यूसी नहर में विद्युत उत्पादन के लिए पानी दिया जा रहा हैए ऐसे में बांध का जलस्तर एक ओर बढ़ रहा है तो दूसरी ओर पानी देने से बांध भरने की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। हालांकि जिस तरह से बारिश का दौर जारी है उससे माना जा रहा है कि जल्द ही बांध का जलभराव होगा। गुरुवार को बाणसागर बांध में 340.51 मीटर पानी पहुंच गया है। वहीं बांध का एफआरएल 341.64 है। ऐसे में केवल 1.10 सेंटीमीटर ही बांध खाली है अधिकारियों की मानें तो सीडब्ल्यूसी में 125 क्यूमेक्स पानी दिया जा रहा है तथा कुल निर्वहन 137.50 क्यूमेक्स हो रहा है। अब तक 617.70 मिलमीटर बारिश बांध के कैचमेंट एरिया में हो चुकी है जिससे बांध का जलस्तर प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है।

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