नक्सल इलाके में सैनिकों के लिए ‘बाइक एम्बुलेंस‘, तैयार किया सीआरपीएफ के…..- Chhattisgarh news
छत्तीसगढ के कई जिलों में नक्सलवाद की समस्या है। वहां सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों से मठभेड में धायल हो जाते है।
नक्सल इलाके में सैनिकों के लिए ‘बाइक एम्बुलेंस‘, तैयार किया सीआरपीएफ के…..- Chhattisgarh news
रायपुर। छत्तीसगढ के कई जिलों में नक्सलवाद की समस्या है। वहां सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों से मठभेड में धायल हो जाते है। कई बार ऐसे स्थान होते हैं जहां चार पहिया वाहनो का पहुंचना मश्किल होता है। ऐसे में समय पर घायल जवान को अस्पताल पहुंचाना एक बडी चुनौती है। इसी समस्या को देखते हुए सीआरपीएफ के साथ डीआरडीओ ने मिलकर एक ऐसी बाइक बनाई है जिसकी सहायता से घायल जवान को कच्चे तथा सकरे रास्ते से निकालकर अस्पताल पहुंचे में सक्षम है। इस बाइक में एम्बुलेंस में मिलने वाली ज्यातर सुविधाआंे को उपलब्ध करवाया गया है।
सीआरपीएफ के डीजी एपी माहेश्वरी ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों मंे हर जगह पक्के मार्ग नही हैं। ऐसे मंे तैनात जवानों के साथ कैजुअलिटी होने पर एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती थी। जवान को कंधे पर लाना पडता था। लेकिन अब सैनिकों के लिए बाइक एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गई है।
बहू के कारगुजारी से तंग ससुर ने निगली जहर की गोली, हो गई मौत- Bhopal News
बाइक एंबुलेंस का सीआरपीएफ ने नामकरण करते हुए रक्षित नाम दिया है। यह बाइक अपने नाम के अनुसार काम करेगी और समय पर जवान को अस्पताल पहुंचाकर उसके जीवन की रक्षा करेगी। इसके लिए तैयारी कर ली गई है बताया गया है कि जंगलों में जहां जवान तैनात होगंे वहीं इस रक्षित बाइक को भी तैनात किया जायेगा।
जानकारी के अनुसार रक्षित नामक बाइक एम्बुलेंस में रोगी को सुरक्षित बैठाकर अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है। इस बाइक में एम्बुलेंस में रोगी को मिलने वाली जीवन रक्षक सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया गया हैं। बाइक में ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद रहेगा। वही ब्लड प्रेसर तथा हार्ट प्रेसर चेक करने के लिए भी व्यवस्था की गई है। वही बाइक की मानिटरिंग के लिए जीपीएस मॉनिटर लगाया गया है। वही सामान्य दवाएं भी मौजूद रहेगी। जिसे आवश्यकता अनुसार उपयोग किया जायेगा।