क्या भारत में अब मौत की सज़ा पर फांसी नहीं होगी!
Will there be no death penalty in India now: दोषियों को फांसी की सज़ा देने का विरोध करने वालों का तर्क है कि जब कोर्ट किसी को जान दे नहीं सकता तो लेनी भी नहीं चाहिए
Will there be no death penalty in India now: भारत में फांसी की सज़ा पर रोक लग सकती है, फांसी की सज़ा या केपिटल पनिशमेंट के खिलाफ बात करने वाले लोगों का कहना है कि जब कोर्ट किसी को जिंदगी नहीं दे सकता तो उसे किसी को सज़ा ए मौत देने का अधिकार नहीं है. यानी कोई जघन्य अपराध का दोषी हो, या आतंकी हो तो भी उसे फांसी की सज़ा नहीं होनी चाहिए।
लोगों का मानना है कि अपराधी को सज़ा तो मिलनी चाहिए मगर उसे फांसी नहीं दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऋषि मल्होत्रा ने याचिका दायर की है, जिमसे मांग की गई है कि सज़ा के मौत वाले दोषियों को फांसी की जगह किसी दर्द रहित मौत दी जानी चाहिए। क्योंकि फांसी के दौरान काफी तकलीफ होती है.दलील यह दी गई है कि सज़ा ए मौत के दोषी को भी गरिमापूर्ण तरीक़े से मृत्यु मिलना भी मौलिक अधिकार है.
SC फांसी के विल्कप की तलाश कर रहा
इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट भी सज़ा के मौत पर फांसी की जगह दूसरे विकल्प की तलाश कर रहा है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या सजा ए मौत पर फांसी की जगह किसी दर्द रहित तरीके से दोषी को सज़ा हो सकती है? कोर्ट ने AIIMS के डॉक्टर्स को भी इस मामले में कोई सांटाफिक सुझाव देने के लिए कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होनी है.
दुनिया के 73 देशों में मौत की सज़ा पाने वाले दोषी को गोली मारी जाती है. और भारत सहित 33 देशों में फांसी दी जाती है. 6 देश ऐसे भी हैं जहां सज़ा ए मौत वाले दोषी को पत्थर मारकर दंड दिया जाता है. जबकि 5 देश ऐसे हैं जहां दोषी को इंजेक्शन देकर मारा जाता है और तीन देशों में सिर कलम कर दिया जाता है.