राहुल गांधी को हुई दो साल की सज़ा उनके राजनीतिक करियर के 8 साल बर्बाद क्यों कर देगी?
अगर सुप्रीम कोर्ट भी सूरत डिस्ट्रिक कोर्ट के फैसले को बरक़रार रखता है तो राहुल गांधी के 8 साल बर्बाद हो जाएंगे
Rahul Gandhi ruin his 8 years of political career: मोदी सरनेम वालों को चोर कहने वाले मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। Gujarat High Court ने सूरत डिस्ट्रिक कोर्ट के फैसले पर कोई ना दखल देने की बात करते हुए Rahul Gandhi की याचिका को ख़ारिज कर दिया है. सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 23 मार्च के दिन दो साल की सज़ा सुनाई थी और अगले दिन उनकी संसद सदस्यता खत्म हो गई थी.
राहुल गांधी अब गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे, जाहिर है उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं उसका प्रमाण हर तरफ है. ऐसे में राहुल गांधी का इस मानहानि केस से दोषमुक्त हो जाना मुमकिन नहीं है. अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल गांधी की सज़ा को बरक़रार रखता है तो राजनितिक करियर के 8 साल बर्बाद हो जाएंगे।
सज़ा दो साल की तो 8 साल क्यों बर्बाद होंगे?
अगर राहुल गांधी सूरत कोर्ट से मिली दो साल की सज़ा को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाते हैं और उच्चतम अदालत सूरत कोर्ट के निर्णय को पलट भी देती है तो भी राहुल गांधी की वायनाड वाली सदस्यता बहाल नहीं होगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी राहुल गांधी को दोषी पाया तो उनकी मुसीबत और बढ़ जाएगी
अगर SC ने उन्हें बेक़सूर ठहरा दिया तो उनकी संसद सदस्यता वापस नहीं लौटेगी मगर वह अगले लोकसभा चुनाव में लड़के के योग्य होंगे, और अगर उनपर लगाया गया दोष बरक़रार रहा तो फिर वो सांसदी का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
अगर मानहानि केस में राहुल को सुनाई गई सज़ा को रद्द नहीं किया गया तो राहुल गांधी को उसके एक महीने बाद दो साल की सज़ा काटनी होगी और वह सज़ा पूरी होने के 6 साल बाद तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो राहुल गांधी का राजनैतिक करियर 8 साल के लिए रुक जाएगा।