Wheat Export Ban: क्या देश में बढ़ रहा रोटी का संकट, गेहूं, मैदा और सूजी निर्यात पर लगाई गई रोक
Wheat Export Ban: गेहूं, मैदा और सूजी निर्यात पर सरकार ने लगाई रोक.
Govt Bans Export Of Wheat Flour, Maida, Semolina: जिस देश के किसानों द्वारा तैयार किये जाने वाले गेहूं से दुनिया के कई देशों में रहने वाले लोगों का निवाला बनता है शायद उसी देश में गेहू की कमी होने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल शनिवार को भारत सरकार ने गेहूं के अलावा आटा, मैदा और सूजी तक के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया। जिसके बाद माना जा रहा है कि देश में गेहूं की कमी को देखते हुए शायद यह निर्णय लिया जा रहा है, हालांकि सरकार का कहना है कि देश में गेहूं का पर्याप्त भण्डारण है और अनाज की कोई कमी नही है।
हीटवेव की वजह से गेहूं की पैदावार हुई कम
देश में इस वर्ष गेहूं की पैदावार कम हुई है। जानकारी के तहत तकरीबन 25 प्रतिशत गेहूं की पैदावार घटी है। उसका सबसे बड़ा कारण मौसम की मार है। दरअसल मार्च माह से ही हीटवेव शुरू हो गई थी। जिससे गेहूं पक गए तो वहीं अनाज पतले और हल्के होने के कारण पैदावार में कमी आ गई थी।
30 डिग्री तापमान जरूरी
जानाकरों का कहना है कि मार्च में गेहूं के लिए 30 डिग्री से ज्यादा टेम्प्रेचर नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसी समय गेहूं के दानों में स्टार्च, प्रोटीन और अन्य ड्राई मैटर्स जमा होते हैं। जिससे गेहूं मोटा और वजनदार हो जाता है, लेकिन इस वर्ष मार्च माह में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया था। जिसका असर गेहूं सहित अन्य फसलों पर पड़ा है।
महंगा बिका गेंहू
गेहूं की पैदावार घटने से उसके दामों (Wheat Price) पर असर पड़ा और इस वर्ष महंगे दामों पर गेहूं की बिक्री हुई है तो वहीं अब आटे की कीमतों (Flour Price) में तेजी आ रही है। इतना ही नही मैदा और सूजी पर भी इसका असर पड़ सकता है। खबरों के तहत सरकारी एजेंसियों की गेहूं खरीद इस साल घटकर 1.8 करोड़ टन पर आ गई है। यह बीते 15 सालों में सबसे कम है। 2021-22 में कुल 4.33 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी।
मंहगाई को लेकर मानी जा रही इस तरह की वजह
गेहूं की कमी और महंगाई को लेकर जो कारण माना जा रहा है, वह खबरों के तहत केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पॉलिसी (Export Policy) में संशोधन करते हुए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित श्रेणी में कर दिया था। तो वहीं गेहूं की महंगाई को कम करने के लिए सरकार विदेशों से गेहूं खरीद सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया कि अधिकारी गेहूं के आयात को बढ़ावा देने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी में 40 प्रतिशत कटौती की भी चर्चा कर रहे हैं। 27 अगस्त को सरकार ने सिर्फ गेहूं ही नहीं आटा, मैदा और सूजी के एक्सपोर्ट पर भी रोक (Export Ban) लगाने का फैसला लिया।