Udaipur Murder Case: बहुचर्चित कन्हैयालाल की नृशंश हत्या मामले में बेपरवाह कई थानों की पुलिस को नोटिस, नहीं मिलेगा प्रमोशन
Kanhaiyalal Murder Case: उदयपुर में हुई नृशंश हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही आई सामने।
Udaipur Kanhaiyalal Murder Case: राजस्थान राज्य के उदयपुर का बहुचर्चित कन्हैयालाल साहू हत्याकांड (Kanhaiyalal Murder Case) में कई थानों के पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जांच के दौरान पाया गया कि पुलिस बेपरवाह रही और समय पर एक्शन नहीं लिया, जिससे हत्यारों ने इस हत्याकांड कों अंजाम दिया। इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय ने 20 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है।
पुलिस कर्मियों पर लग सकती है लगाम
खबरों के तहत लापरवाली बरतने वाले धानमंडी, भूपालपुरा, सुखेर, सूरजपोल और डीएसबी के अधिकारी-पुलिसकर्मी के खिलाफ जांच कार्रवाई की जा रही है। जब तक जांच चलेगी, इन पुलिसकर्मियों के प्रमोशन नहीं होंगे। फील्ड पोस्टिंग देने से पहले भी विचार किया जाएगा।
जयपुर पुलिस मुख्यालय ने थाना प्रभारियों सहित थानों के हेड कॉन्स्टेबल और बीट कांस्टेबल सहित तत्कालीन पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। संबंधित थानों के पुलिस की लापरवाही कुछ इस तहर से सामने आई है।
धानमंडी थाना में कन्हैया ने की थी रिपोर्ट
पूरे घटनाक्रम में सबसे पहले कन्हैयालाल को धमकी मिली थी। इसकी रिपोर्ट धानमंडी में थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। हत्याकांड का पूरा घटनाक्रम इसी थाना क्षेत्र में हुआ।
भूपालपुरा थाना क्षेत्र में लगे थे नारे
कलेक्ट्रेट भूपालपुरा थाना क्षेत्र में आता है। 20 जून को कलेक्ट्री के बाहर हुए प्रदर्शन में आपत्तिजनक नारे लगाए गए। विभाग का मानना है कि भूपालपुरा थाने और कलेक्ट्री स्थित चौकी पर तैनात पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए था।
सूरजपोल थाना क्षेत्र में रह रहे थे आंतकी
इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले आतंकी बीते कई सालों से सूरजपोल थाना क्षेत्र में रह रहे थे। हत्याकांड की साजिश भी यहीं से रची गई।
सुखेर थाना क्षेत्र में छुपे थें हमलावर
आतंकी कन्हैया की हत्या के बाद फरार होकर सुखेर स्थित फैक्ट्री में छुपे थे। यहां से वीडियो बनाकर वायरल किया था।
डीएसबी शाखा ने की लापरवाही
यह शाखा कलेक्ट्रेट के बाहर होने वाले सभी प्रदर्शनों की गोपनीय तरीके से निगरानी कर रिपोर्ट बनाती है। जिले के पुलिस कप्तान को पूरी रिपोर्ट दी जाती है। यहां कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन में आपत्तिजनक नारे लगे थे, फिर भी गंभीरता नहीं दिखाई गई।