शांति की बात करने वाले तालिबानियों ने काबुल एयरपोर्ट के पास की गोलीबारी, बिना हिजाब वाली महिलाओं को गोलियों से भून दिया, अमेरिकी सेना ने भी दिया जवाब
एक बार फिर अमेरिका और तालिबान आमने सामने आ गए हैं. राष्ट्रपति भवन में कब्जा करने के बाद तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट के पास गोलीबारी शुरू कर दी थी.
एक बार फिर अमेरिका और तालिबान (America vs Taliban) आमने सामने आ गए हैं. अफगानिस्तान के कई प्रांतो को अपने कब्जे में लेने और राष्ट्रपति भवन में कब्जा करने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के काबुल एयरपोर्ट के पास गोलीबारी शुरू कर दी थी. शांति की बात करने वाले तालिबानियों ने बिना हिजाब वाली महिलाओं को गोलियों से भून दिया, इस पर अमेरिकी सेना ने भी तालिबानियों को मुहतोड़ जवाब दिया है.
इसके ठीक पहले तालिबान दुनिया को मैसेज दे रहा था कि वो अफगानियों की जान-माल की हिफाजत करेगा, लेकिन काबुल एयरपोर्ट में जो घटना घटी है, वह तालिबानियों के मैसेज के ठीक उलट है. खबर आ रही है कि तालिबानियों ने काबुल एयरपोर्ट के पास बिना हिजाब वाली कई महिलाओं को गोलियों से भून दिया है.
अमेरिकी सेना और तालिबान आमने सामने
तालिबान काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में लेना चाह रहा है. लेकिन अभी वहां पर अफगानी और अमेरिकी सेना ने मोर्चा सम्हाल रखा है, जिसकी वजह से तालिबानों की मंशानुरूप काम नहीं हो पा रहा है. महिलाओं पर गोलीबारी के बाद तालिबानी और अमेरिकी सेना आमने सामने आ गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अमेरिकी सेना तालिबानियों को मुँह तोड़ जवाब दे रही है. साथ ही दोनों ओर से गोलीबारी जारी है. हांलाकि अभी तक तालिबान की तरफ से इन सब घटनाओं की पुष्टि नहीं हुई है.
6 हजार अमेरिकी सेना एयरपोर्ट पर तैनात होगी
बताया जा रहा है अमेरिका अपने नागरिकों को सुरक्षित करने और उन्हें अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए 6 हजार सैनिकों की तैनाती एयरपोर्ट पर करने की तैयारी में है. अभी एयरपोर्ट और कुछ इलाकों में तालिबानी लड़ाके कब्जा नहीं कर पाए हैं. वे एयरपोर्ट पर कब्जा करने का भरसक प्रयास कर रहें हैं, लेकिन अमेरिकी सेना के चलते वे अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो पा रहें हैं. अमेरिकी सेना ने पूरे एयरपोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया है.
अमेरिका ने सिक्योरिटी अलर्ट जारी किया
काबुल में तेजी से बदले हालात के बीच अमेरिका ने सिक्योरिटी अलर्ट जारी किया. इसमें कहा गया- काबुल में एयरपोर्ट समेत सुरक्षा हालात तेजी से बदल रहे हैं. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरपोर्ट पर आग लगी हुई है. काबुल के कुछ इलाकों में लूटपाट भी हुई है. तालिबान हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं. करीब 200 अफगानी भी भारत पहुंचे हैं. इनमें अशरफ गनी के सीनियर एडवाइजर और कुछ सांसद शामिल हैं.
गलत निकला अमेरिका का अनुमान
अमेरिका ने अपनी सेना को अफगानिस्तान से हटाने के पहले अनुमान लगाया था कि तालिबान को काबुल कब्जे में लेने में लगभग 3 माह का समय लग जाएगा, तब तक अमेरिका अपने सैनिकों, दूतावास के अधिकारियों एवं नागरिकों को वहां से वापस ला लेगा. लेकिन अमेरिका का अनुमान गलत साबित होते दिख रहा है. जिस तेजी के साथ तालिबान अफगानिस्तानी प्रांतों में कब्ज़ा कर रहा है, कुछ ही दिनों में राष्ट्रीय राजधानी काबुल भी उसके कब्जे में आ जाएगी.