जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आतंकी हमला: 2 जवान शहीद, 2 पोर्टर की भी मौत; TRF का हाथ होने की आशंका

जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला किया, जिसमें 2 जवान शहीद हो गए और 2 पोर्टर की भी मौत हो गई। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है।

Update: 2024-10-24 18:45 GMT

गुलमर्ग में आतंकी हमला: जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के गुलमर्ग में गुरुवार शाम आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला कर दिया। इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए और 2 पोर्टर की भी जान चली गई। घटना एलओसी के पास नागिन इलाके में हुई, जहां 18 राष्ट्रीय राइफल्स के वाहन को निशाना बनाया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने अचानक सेना के वाहन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस हमले में सेना के 3 जवान घायल भी हुए हैं जिन्हें श्रीनगर के 92 बेस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बाद में, 2 जवानों ने दम तोड़ दिया।

आतंकियों की तलाश जारी

सेना के सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में 3 से ज्यादा आतंकी शामिल हो सकते हैं। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि आतंकियों ने उत्तरी कश्मीर के बोटा पथरी सेक्टर में LoC से घुसपैठ की होगी।

कश्मीर में बढ़ रही आतंकी घटनाएं

यह घटना कश्मीर में बढ़ रही आतंकी गतिविधियों की ओर इशारा करती है। पिछले कुछ दिनों में कई आतंकी हमले हुए हैं जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। गुरुवार सुबह ही पुलवामा में आतंकवादियों ने एक मजदूर पर गोलीबारी की थी, जिसमें वह घायल हो गया था।

लगातार हो रहे हमले

हाल के दिनों में कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। इसमें नॉर्थ विंग कमांडर, जम्मू-कश्मीर के DGP, कोर कमांडर और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए। बीते एक हफ्ते में यह तीसरा आतंकी हमला है, जिसमें अब तक कुल 8 लोगों की जान जा चुकी है।

TRF का हाथ होने की आशंका

हाल ही में कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है और पिछले कुछ समय से गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहा है। ऐसी आशंका है कि गुलमर्ग में हुए इस हमले में भी TRF का हाथ हो सकता है।

पिछले कुछ महीनों से लश्कर-ए-तैयबा के संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने जम्मू-कश्मीर में अपनी गतिविधियों को और तेज किया है। यह संगठन पहले कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाता था, परंतु अब गैर कश्मीरियों और सिखों पर हमला कर रहा है। TRF ने पिछले हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिसमें 20 अक्टूबर को गांदरबल और 18 अक्टूबर को शोपियां में हुए हमले शामिल हैं। इन हमलों में 7 लोगों की जान गई थी।

हमले के बाद सेना के जवान अलर्ट पर हैं और आतंकियों के घेराव में जुट गए हैं। इधर, जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग उठ रही है। राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षाबलों को आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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