हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: बिना शिकायत FIR दर्ज करें, देरी की तो कोर्ट की अवमानना माना जाएगा
Supreme Court directive regarding hate speech: सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश दिए हैं
Supreme Court hate speech: शुक्रवार 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के मामलों को लेकर बड़ा निर्णय लिया है. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों की पुलिस को हेट स्पीच मामलों में तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि अगर राज्य में किसी के द्वारा हेट स्पीच दी जाती है तो सरकारें शिकायत का इंतजार ना करे सीधा FIR दर्ज करे और अगर ऐसे मामलों में देरी हुई तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा
हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच मामले की सुनवाई करते हुए कहा- ऐसे मामलों में कार्रवाई करते हुए बयान देने वाले का धर्म की परवाह नहीं करनी चाहिए। इसी तरह धर्मनिरपेक्ष की अवधारणा को जिन्दा रखा जा सकता है. कोर्ट ने अपने 2022 के आदेश का दायरा बढ़ाते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिए हैं.
धर्म के नामपर हम कहां पहुँच गए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हेट स्पीच एक गंभीर अपराध है. जो देश में धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रभावित करता है. जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- हम धर्म के नाम पर कहां पहुंच गए? यह दुखद है
गोरतलब है कि राजनैतिक लाभ और खुद को लाइम लाइट में लाने के लिए हर मजहब और धर्म के लोग कभी कभार ऐसे बयान दे देते हैं जो भारत की अखंडता और सम्प्रभुता को चोट पहुंचा देता है. जमीयत उलेमा ए हिंद के मौलाना अरशद मदनी हो या जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरी ये सभी लोग अक्सर नफरती बयानबाज़ी करते हैं.
लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों में तुरंत FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अब से किसी भी राज्य में कोई भी नफरती बयान देता है तो उसके खिलाफ शिकायत हो ना हो सीधा FIR होगी