IAS MONIKA RANA SUCCESS STORY: छोटी उम्र में माता-पिता को खोने के बाद भी नहीं मानी हार, जानें आईएएस मोनिका राणा की सफलता का राज

IAS MONIKA RANA SUCCESS STORY: आज हम ऐसी अनाथ लड़की IAS MONIKA RANA के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को खोने के बाद भी हार नहीं मानीं। IAS बनने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत व लगन दिखाई।

Update: 2023-07-20 07:50 GMT

IAS MONIKA RANA Biography, UPSC Rank In Hindi: आईएएस बनने के सफर में कई संघषों का सामना करना पड़ता है, तब जाकर सफलता हासिल होती है। आपने कई लोगों के आईएएस बनने की कहानी सुनी होगी जिनके पीछे उनके माता-पिता का साथ होता है। माता-पिता और घर वालों का साथ मिल जाए तो इस मंजिल को पाने में आ रही कठिनाइयां स्वमेव दूर हो जाती हैं। किंतु आज हम ऐसी अनाथ लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को खोने के बाद भी हार नहीं मानीं। IAS बनने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत व लगन दिखाई, जिसके बाद उनके IAS Officer बनने की राह आसान हो गई। तो आइए जानते हैं कौन हैं IAS MONIKA RANA जिनके माता-पिता की सड़क दुर्घटना में हौत हो गई और परिजनों को खोने के बावजूद आईएएस बनने के लिए अथक प्रयास किया और आखिकार उन्हें सफलता हासिल हो गई।

Who is IAS MONIKA राणा?

मेनिका राणा IAS Moninka Rana Life उत्तराखंड की रहने वाली हैं जिन्होंने यूपीएसी की सिविल सर्विस परीक्षा पास की। उनका गांव देहरादून जिले के नाडा लाखामंडल में है। वह बचन से ही बहुत होनहार छात्रा रही हैं। बचपन से पढ़ाई के प्रति उनका लगाव रहा। मोनिका ने कक्षा 5वीं की पढ़ाई दून के स्कॉलर्स होम से की। उनके माता-पिता का बचपन का सपना था कि बेटी एक दिन प्रशासनिक अधिकारी बनकर उनका नाम रोशन करेगी।

IAS MONIKA RANA Family

मेनिका राणा का बचपन काफी संघर्षों के बीच बीता। उनके पिता का नाम गोपाल सिंह राणा और माता का नाम इंदिरा राणा है। मोनिका के माता-पिता ने कम उम्र में ही उनका साथ छोड़ दिया। उनके माता-पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। जिसके बाद वह बिल्कुल अकेली हो गईं। जिसके बाद उनकी बहन दिव्या राणा ने मोनिका को संभाला और आगे की पढ़ाई के लिए उनका साथ दिया। माता-पिता को खोने के बाद उन्होंने अनवरत पढ़ाई जारी रखी और कड़ा परिश्रम किया।

MONIKA RANA UPSC Preparation

दून के स्कॉलर्स होम से पांचवीं की शिक्षा ग्रहण करने के बाद मोनिका राणा ने सेंट जोसेफ स्कूल से कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययन किया। बचपन से ही उनके माता-पिता का सपना था कि वह आईएएस अधिकारी बनें। जिसके बाद उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने लगीं। वर्ष 2015 में वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। इसके लिए उन्होंने कठिन परिश्रम किया। उन्होंने एग्जाम दिया किंतु सफलता हासिल नहीं हुई। इसके बाद वर्ष 2016 में भी उन्हें परीक्षा में असफलता ही हाथ लगी। तब उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए कोचिंग का सहारा लिया। 2017 में दिल्ली के श्रीराम सेंटर से कोचिंग कर तैयारी की। उनकी कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई और सफलता ने उनके कदम चूमे।

IAS MONIKA RANA Rank

वर्ष 2018 में मोनिका ने यूपीएससी में 577वीं रैंक हासिल की। मोनिका ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनकी सफलता के दौरान लोग उन्हें बधाई देने पहुंच रहे थे। किंतु जिन लोगों के सपनों को मोनिका ने साकार करने के लिए पूरी मेहनत से पढ़ाई की वही इस दुनिया में नहीं थे। मोनिका IAS अधिकारी तो बन गईं किंतु उनकी नजरें माता-पिता को ढूंढ़ती रहीं। वह आंसू बहाकर अपना दुःख जाहिर करती हैं। वह आगे निराश मन से बताती हैं कि छोटी-छोटी खुशियों को बांटने के लिए भी हम अपने परिवार और अपनों का साथ चाहते हैं किंतु आईएएस बनने के बाद भी उनकी खुशियों में कोई शामिल नहीं हो पाया।

आईएएस मोनिका राणा युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। जिन्होंने बचपन में अपने माता-पिता को खोने के बावजूद हार नहीं मानी और लगन व मेहनत से अपने सपने को साकार कर दिखाया। मोनिका का कहना है कि लोग अपनी किस्मत खुद लिख सकते हैं। इसके लिए कड़ी मेहनत और लगन ही सफलता का एकमात्र विकल्प होता है। उन्होंने कहा कि यह बात सुनने में कितनी अजीब लगती है कि जब आप खुश हों और आपके साथ कोई न हो। मैंने कड़ी मेहनत करके अपनों के बिना इस मुकाम को हासिल किया किंतु आज आगे बढ़कर खुशी से गले लगाने वाले माता-पिता ही उनके पास नहीं हैं। आज एक अनाथ बेटी ने अपने दिवंगत माता-पिता के सपने को सच करके दिखाया। उनकी मिसाल लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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