राजस्थान के भरतपुर में एक संत बाबा ने खुद को आग लगा दी! 551 दिनों से अवैध खनन के खिलाफ विरोध कर रहे थे

भरतपुर में संत ने खुद को लगाई आग: संत बाबा की हालत गंभीर है, उनका शरीर बुरी तरह से जल गया है

Update: 2022-07-20 11:27 GMT

राजस्थान न्यूज: भरतपुर में एक संत बाबा ने खुद को आग के हवाले कर दिया, शरीर में आग की लपटों के साथ बाबा राधे-राधे करते दौड़ता रहा, मौके पर मौजूद पुलिस पहले तमाशा देखती रही और बाद में जब बाबा ने आग लगा ली तो पुलिस ने किसी तरह शरीर से आग को बुझा दिया। लेकिन बाबा का शरीर 80% तक जल गया. बाबा को भरतपुर में राज बहादुर मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जहां उनके बचने की उम्मीद बेहद कम बताई जा रही है. 

राजस्थान में संत बाबा ने खुद को लगाई आग 

आत्मदाह करने वाले बाबा का नाम विजय दास है. बाबा अवैध खनन के विरोध में बीते 551 दिनों ने आंदोलन कर रहे थे. लेकिन राजस्थान में अवैध खनन का सिलसिला कभी नहीं रुका, बाबा के आत्मदाह करने क बाद राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया तुरंत रंग बदल दिए, उन्होंने कहा संत बाबा की मांग जायज है. उनकी लीज शिफ्ट करने पर विचार किया जाएगा। 

भरतपुर में बाबा ने आत्मदाह क्यों किया 

दरअसल यह मामला आस्था से जुड़ा हुआ है. भरतपुर के डीह कामां तहसील का इलाका 84 कोस परिक्रमा मार्ग में पड़ता है. साधु-संत का कहना है कि यह धार्मिक आस्था से जुडी जगह है. यहां हिन्दू धर्म के लोग परिक्रमा करने के लिए आते हैं. इसी लिए यहां लीगल-इलीगल सभी तरह के खनन बंद होने चाहिए। इसी मांग को लेकर साधु-संत 551 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. 

आत्मदाह करने की चेतवनी दी थी 

आंदोलन कर रहे साधु संतों ने जिला प्रशासन को पहले ही आत्मदाह करने की चेतावनी दे थी. लेकिन जिला प्रशासन ने संतों की चेतावनी को हल्के में ले लिया था. हालांकि मौके पर पुलिस बल मौजूद था. इस बीच प्रदर्शन के दौरान बाबा  विजय दास ने कहा "मेरी मृत्यु का समय आ गया है, अब निश्चित हो चुका है जिसे कोई बदल नहीं सकता' चाहे पुलिस जितनी फ़ोर्स लगा  दे, 19 जुलाई को बृजभूमि की सेवा और रक्षा के लिए मेरा मरना तय है. मेरी मृत्यु की जिम्मेदार राजस्थान सरकार होगी। 20 जुलाई को बाबा ने आत्मदाह कर लिया। 

मंत्री ने तुरंत रंग बदल दिया 

अशोक गेहलोत सरकार के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया का असली चेहरा सबके सामने आ गया. भाया ने पहले संतों की मांग को गलत बताया था. मंत्री ने कहा था कि एन्वायरमेंटल क्लियरेंस के बाद 55-60 खदानों को लीज में दिया गया है. संत चाहते हैं वैध खदाने बंद हो जाएं और उसे वन क्षेत्र घोषित किया जाए. जब बाबा ने आत्मदाह कर लिया तो मंत्री ने कहा उनकी मांग लीगल है. 

ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में खनन 

सरकार ने दावा किया था कि धार्मिक स्थलों व पहाड़ों में खनन नहीं हो रहा। न ही कोई खनन पट्‌टा दिया गया है। इस इलाके में कोई खनन नहीं चल रहा, लेकिन परिक्रमा मार्ग से 500 मीटर के बाहर खनन चलता रहा। साधु-संतों का दावा है कि 500 मीटर के अंदर भी माइनिंग का काम चल रहा है और पवित्र मानी जाने वाली पहाड़ियों को नुकसान हो रहा है। साधू बाबा दो साल से आंदोलन कर रहे हैं. धार्मिक भावना से जुड़ा मामला था फिर भी अशोक गेहलोत की कांग्रेस सरकार ने हिन्दुओं की आस्था को नज़रअंदाज कर दिया। 



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