परीक्षा पे चर्चा प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों को दिए टिप्स
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में देश भर के छात्रों से परीक्षा पे चर्चा प्रोग्राम में बात की। जिसमें परीक्षा और जीवन में तनाव को लेकर बच्चों के सवालों पर जवाब देते हुए पीएम द्वारा उन्हें टिप्स भी बताए गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में देश भर के छात्रों से परीक्षा पे चर्चा प्रोग्राम में बात की। जिसमें परीक्षा और जीवन में तनाव को लेकर बच्चों के सवालों पर जवाब देते हुए पीएम द्वारा उन्हें टिप्स भी बताए गए। भोपाल की एक छात्रा रितिका गोड़के भी दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। वह शासकीय सुभाष माध्यमिक विद्यालय स्कूल आफ एक्सीलेंस में 12वीं की छात्रा हैं। पीएम से उन्होंने प्रश्न किया कि हम अधिक से अधिक भाषाएं कैसे सीख सकते हैं। जिसका जवाब पीएम ने काफी विस्तार से दिया। वहीं एक छात्र ने यह सवाल किया कि एग्जाम में परिवार की निराशा से कैसे निपटूं जिस पर भी पीएम द्वारा छात्र को टिप्स दिए गए।
भारत में हजारों बोलियां यह हमारी समृद्धि
परीक्षा पे चर्चा प्रोग्राम में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है। हमारे पास सैकड़ों भाषाएं और हजारों बोलियां हैं। यह हमारी समृद्धि है, हमें अपनी इस समृद्धि पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई विदेशी व्यक्ति हमें मिल जाए और उसे पता चले कि आप इंडिया से हैं। अगर वह थोड़ा सा भी भारत से परिचित होगा तो आपको नमस्ते बोलेगा। जैसे ही वह यह बोलेगा आपके कान सचेत हो जाएंगे और अपनापन महसूस होने लगता है।
बिना बोझ सीखनी चाहिए दूसरी भाषा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम जब एक भाषा को जानते हैं तब आपके लिए हजारों साल पुरानी उस दुनिया में प्रवेश करने का द्वार खुल जाता है। इसलिए बिना बोझ हमें दूसरी भाषा सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मन लगाकर अपने अड़ोस-पड़ोस के राज्य की एक-दो भाषा सीखने में क्या जाता है। हम भाषा सीखते हैं इसका मतलब बोलचाल के कुछ वाक्य सीख जाना ही नहीं है।
विश्व की सबसे पुरातन भाषा तमिल
पीएम ने कहा कि दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उस देश को गर्व करना चाहिए। सीना तानकर दुनिया को कहना चाहिए कि विश्व की सबसे पुरातन भाषा हमारे पास है। हमारी तमिल भाषा दनिया की सबसे पुरानी भाषा है। इतनी बड़ी अमानत और गौरव इस देश के पास है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जह यूएन में उनका भाषण था तब जान बूझकर उनके द्वारा तमिल शब्द बोले गए। क्योंकि वह दुनिया को बताना चाहते थे कि उन्हें गर्व है कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा उनके देश की है।