आज से बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम: 25 रूपए तक होगी बढ़ोत्तरी, क्रूड ऑयल 140 डॉलर पार

पेट्रोल-डीजल के दाम: विधानसभा चुनावों के लिए मतदान ख़त्म हो गए हैं और क्रूड आयल का रेट भी काफी बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते देश में आज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जा सकते हैं.

Update: 2022-03-08 03:08 GMT

Petrol-Diesel Price: उत्तरप्रदेश समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मतदान हो चुके हैं. इसके साथ ही आज से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाए जा सकते हैं. मोदी सरकार का चुनाव के बाद का ट्रेंड भी यही बताता है. चुनाव के दौरान या इससे पहले मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा करने से बचती है. लेकिन चुनाव खत्म होने बाद रेट बढ़ाने में देर भी नहीं करती है. इसी वजह से पेट्रोल-डीजल में 20-25 रुपए की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है.

कितना बढ़ सकता है पेट्रोल-डीजल का दाम?

तेल कंपनियों ने पिछले के नवंबर माह (3 नवंबर 2021) से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. ट्रेंड यह भी कहता है कि दामों में बढ़ोतरी एक बार में न होकर, रोज थोड़ी-थोड़ी होगी. यानी आज करीब 15 रुपए दाम बढ़ा दिए जाए और फिर धीरे-धीरे कर 5-10 रुपए की बढ़ोतरी और की जाए.

रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से ग्‍लोबल मार्केट में कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गए हैं. दिसंबर 2021 में क्रूड का औसत मूल्य 73 डॉलर के करीब था. यानी कच्चे तेल की कीमत करीब दोगुनी चुकी है, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई.

एक्सपर्ट के मुताबिक कच्चे तेल के दाम चढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल-डीजल पर 15-20 रुपए प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है. क्रूड के दाम लगातार बढ़ने से कंपनियों का घाटा भी लगातार बढ़ रहा है.

रूस-यूक्रेन जंग से बढ़े क्रूड के दाम

24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के आक्रामण के तुरंत बाद दुनियाभर के शेयर बाजार धराशाई हो गए, सोने की कीमतें बढ़ गई और क्रूड ऑयल रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. युद्ध वाले दिन क्रूड (Crude Oil) करीब 100 डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जो अब 140 तक पहुंच चुका है. यानी

रूस ऑयल और नेचुरल गैस का बड़ा उत्पादक है. BP स्टैटिकल रिव्यू के अनुसार 2020 में रूस क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस कंडेनसेट के उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर था. इस दौरान रूस ने प्रति दिन 10.1 मिलियन बैरल का उत्पादन किया. रूस के आक्रामण के कारण कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए है. इसी वजह से क्रूड की आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता है और दाम लगातार बढ़ रहे हैं.

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