Petrol Price: मात्र 41 रुपए के पेट्रोल को टैक्स लगा कर 115 का बना देती है सरकार, महंगाई का जवाब फ्री वैक्सीन
मंत्री जी कहते हैं फ्री में वैक्सीन लग रही इसी लिए पेट्रोल डीज़ल महंगा है
देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए पेट्रोल और डीज़ल की कीमत बढ़ाना और अपना खजाना भरना सबसे आसान काम है. सरकार 41 रुपए के पेट्रोल को आम आदमी को115 रुपए में बेचती है और जब जनता बढ़ती महंगाई का जवाब मांगती है तो मंत्री जी कहते हैं फ्री में कोरोना की वैक्सीन लगा तो रहे हैं। आपको बता दें की सिर्फ केंद्र सरकार पेट्रोल में 32.90 रुपए और डीज़ल पर 31.80 रूपए का टैक्स लगाती है बाकी बची कुचि कसर राज्य सरकारें पूरी कर देती हैं। हालत ऐसे हो गए हैं कि गाडी चलाते वक़्त आदमी स्पीडोमीटर नहीं फ्यूल इंडिकेटर पर नज़र टिकाए रहता है।
मंत्री जी का बयान सुन कर गुस्सा आता है
देश के केंद्रीय राज्य मंत्री (पेट्रोलियम और नेचुरल गैस) रामेश्वर तेली ने हाल ही में एक बयान जारी किया है जिसमे ईंधन की बढ़ती महंगाई के बारे में कुछ ऐसा कह दिया है की आम आदमी की बुद्धि ख़राब हो जाए। रामेश्र्वर तेली ने कहा है कि फ्री वैक्सीन की भरपाई करने के लिए पेट्रोल और डीज़ल की कीमत में लगने वाला टैक्स बढ़ाया गया है। मंत्री जी ने कहा कि ईंधन की कीमत ज़्यादा नहीं है इसमें बस टैक्स लग जाता है। आपने फ्री में वैक्सीन तो लगवाई होगी इसका खर्चा कहाँ से आएगा। लोगों ने वैक्सीन के लिए पैसे नहीं दिए तो कहीं ना कहीं से तो भरपाई करनी पड़ेगी। वाह मंत्री जी मतलब आम आदमी का तेल ही निकाल लेंगे क्या अब। अगर मुफ्त वैक्सीन की कीमत की भरपाई पेट्रोल डीज़ल से करनी है तो फिर देश की जनता ने अबतक कई बार महंगा पेट्रोल और डीज़ल डलवा कर कीमत चुका दी है भाई।
ऐसे होता है Petrol में खेला
देश में पेट्रोल की बेस प्राइज़ सिर्फ 41.32 रुपए है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार को इस कीमत में पेट्रोल आम आदमी तक पहुंचाने पहुंचाने में मजा नहीं आता। दोनों सरकार मिलकर पेट्रोल में इतना टैक्स लगा देती हैं की 41 का पेट्रोल 115 रुपए का हो जाता है। केंद्र सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपए का एक्साइज ड्यूटी चार्ज करती है और डीज़ल पर 31.80 रुपए का टैक्स खाती है। इसके बाद आती है राज्य सरकार की बारी तो वो भी इतना टैक्स लगा देते हैं की पेट्रोल की बेस प्राइस से एक्चुअल रेट 3 गुना तक बढ़ जाता है।
बस खजाना भरने से मतलब
केंद्र और राज्य सरकार सिर्फ और सिर्फ अपना खजाना भरने के लिए पेट्रोल और डीज़ल की कीमत में धड़ाधड़ टैक्स लगाए रहते हैं। केंद्र सरकार ने 2020-21 में पेट्रोल से 4.55 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है जबकि साल 2014-15 में मोदी सरकार ने टैक्स से 1.72 लाख करोड़ की कमाई की थी। साल 2012 में आपको याद होगा की भाजपा सरकार ने देश की जनता का विश्वास बढ़ती महंगाई को कम करने का वादा करके ही जीता था। और अब सरकार लूट मचाए हुए हैं। आम आदमी का बजट बिगड़ गया है।