हवाई यात्रा के दौरान एयरपोर्ट पर अब आपका चेहरा ही होगा बोर्डिंग पास
दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरू एयरपोर्ट ने घरेलू यात्रियों के फेशियल रिकग्निशन (एफआर) के लिए डिजियात्रा ऐप लांच किया गया है जिसके जरिए हवाई अड्डे पर चेहरे की पहचान के आधार पर हवाई यात्रियों को प्रवेश देने की सुविधा मिलेगी।
हवाई यात्रा करने वालों के लिए अब आपका चेहरा ही बोर्डिंग पास होगा। दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरू एयरपोर्ट ने घरेलू यात्रियों के फेशियल रिकग्निशन (एफआर) के लिए डिजियात्रा ऐप लांच किया गया है जिसके जरिए हवाई अड्डे पर चेहरे की पहचान के आधार पर हवाई यात्रियों को प्रवेश देने की सुविधा मिलेगी। पायलट परियोजना के तौर पर दिल्ली, बेंगलुरू व वाराणसी में डिजियात्रा ऐप को प्रारंभ कर दिया गया है। सफलतापूर्वक परिचालन के बाद इसे अन्य एयरपोर्ट पर भी लागू किया जाएगा।
सभी चेक प्वाइंट पर चेहरे से होगी पहचान
हवाई यात्रा के दौरान एयरपोर्ट की एंट्री, सिक्योरिटी चेक और बोर्डिंग गेट तीनों जगहों पर ऐप से ही आपका हो जाएगा। इस ऐप की मदद से चेहरा आपकी पहचान बनेगा। जिसके आधार पर सभी चेक प्वाइंट पर यात्रियों को एंट्री मिल सकेगी। अगस्त माह में डिजियात्रा ऐप को टेस्टिंग के तौर पर लांच किया गया था। दिल्ली एयरपोर्ट पर अभी इसे घरेलू यात्रियों के लिए टी 3 टर्मिनल पर प्रारंभ किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य एयरपोर्ट पर लगने वाले समय को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कम करना है।
एयरपोर्ट पर ई-गेट से मिलेगा प्रवेश
डिजियात्रा ऐप लांच होने के बाद अब हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को अलग-अलग चेक पॉइंट्स पर बोर्डिंग पास या आईडी नहीं दिखानी पड़ेगी। ऐप में आधार के जरिए यात्रियों का वेरिफिकेशन किया जाएगा और यात्री को अपनी तस्वीर भी लेनी होगी। बताया गया है कि एयरपोर्ट के ई-गेट पर यात्री को बार कोड वाला बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा। जिसके बाद यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेजों का सत्यापन फेशियल रिकग्निशन प्रणाली से होगा। वेरिफिकेशन होते ही यात्रियों को ई-गेट के जरिए एयरपोर्ट पर एंट्री दी जाएगी। डिजियात्रा ऐप में आधार से वेरिफिकेशन केवल एक बार ही करना होगा। इसके बाद जब भी आप हवाई यात्रा करेंगे तो आपको वेब चेक इन के बाद अपना टिकट ऐप पर अपलोड करना होगा। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद टिकट स्कैनर पर रखना होगा। जहां आपका चेहरा स्कैन होने के बाद आपको एंट्री दे दी जाएगी।
फेशियल रिकग्निशन सिस्टम ऐसे करता है काम
एयरपोर्ट पर घरेलू यात्रियों के लिए प्रारंभ की गई फेशियल रिकग्निशन सिस्टम बायोमेट्रिक सिस्टम है जो यात्रियों की पहचान उसके चेहरे, आंखों, मुंह के कॉम्बिनेशन से करती है। इसमें चेहरे के सभी एलिमेंट खासकर आंखों और मुंह को रीड किया जाना है। इसके बाद पहचान के लिए डेटाबेस में 3डी इमेज बनाकर सेव की जाती है। इस दौरान जैसे ही यात्री हवाई सफर के लिए अपना टिकट एयरलाइंस से बुक कराएंगे तभी एयरपोर्ट पर तैनात संबंधित एजेंसियों के पास आपकी यात्रा से जुड़ी जानकारियां मिल जाएंगी। एयरपोर्ट के टर्मिनल गेट पर पहुंचते ही वहां लगा फेस रिकग्नाइजिंग कैमरा यात्रियों के चेहरे को पहचान लेगा। जिसके बाद कैमरे के साथ लगी एक स्क्रीन में यात्री की फोटो, पहचान पत्र और ट्रेवल से जुड़ी जानकारियां डिस्प्ले हो जाएंगी। जिसके बाद यात्री को गेट पर तैनात सुरक्षा अधिकारी को न ही अपना एयर टिकट दिखाना होगा और न ही पहचान दिखाने की आवश्यकता पड़ती है।
बोर्डिंग पास मोबाइल पर पहुंच जाएगा
डिजियात्रा ऐप के माध्यम से टर्मिनल गेट की तरह चेक-इन काउंटर, सिक्योरिटी चेक इन प्वाइंट और बोर्डिंग गेट पर भी फेस रिकग्नाइजिंग कैमरे से आपकी पहचान होगी। चेक इन काउंटर पर पहुंचते ही कैमरे के माध्यम से एयरलाइन कर्मी को यात्री से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इस दौरान एयरलाइन स्टाफ द्वारा यात्री का चेक इन करते ही ऑन लाइन बोर्डिंग पास यात्री के मोबाइल पर पहुंच जाएगा। फेस रिकग्नाइजिंग कैमरे के माध्यम से यात्री की यात्रा संबंधी जानकारी व पहचान सिक्योरिटी चेक और बोर्डिंग गेट पर भी हो सकेगी।