अब यात्रियों को मिलेगी ज्यादा सुविधा, रेलवे ने ISRO के साथ मिलकर बदला 31 साल पुराना सॉफ्टवेयर
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने यात्रियों की सुविधा के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम को एंडवास कर दिया है।
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने यात्रियों की सुविधा के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम को एंडवास कर दिया है।अब हर ट्रेन की स्थिति की सही जानकारी मिलेगी। साथ ही रेलवे ने इसरो के साथ मिलकर ट्रेनों के इंजन को एडवांस करने का काम भी पूरा कर लिया है।
भारतीय रेलवे ट्रेनों की चल रही स्थिति की निगरानी के लिए एक उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली शुरू की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली और अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) ने "रनट्रेन" सॉफ्टवेयर को अपडेट किया है। नवीनतम संस्करण,रनट्रेन, ईंधन की खपत, चलने का समय और इसके सहित कुछ ट्रेन चलने वाले मापदंडों (टीआरपी) का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इस तकनीक से रेल कर्मचारियों के लिए दिसंबर-फरवरी के महीनों में कोहरे के कारण धीमी गति से चलने वाली ट्रेनों की जानकारी प्राप्त करना भी आसान हो जाएगा। इससे यात्रियों को भी काफी मदद मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो राजधानी और तेजस से यात्रा कर रहे हैं।
फिलहाल जो सॉफ्टवेयर रेलवे इस्तेमाल कर रहा है, वह 1990 का है। इस बीच ट्रेनों की स्पीड बढ़ी और संख्या में भी वृद्धि हुई है। सॉफ्टवेटर डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है। इससे ट्रेनों के संबंधित जानकारी एक साथ जोडना मुश्किल था। ऐसे में नये सॉफ्टवेयर सिस्टम की जरूरत महसूस हुई। गौरतलब है की कुछ साल पहले, रेल मंत्रालय ने आरटीआईएस विकसित करने के लिए इसरो के साथ सहयोग किया, जो लोकोमोटिव के स्थान और रीयल-टाइम अपडेट प्रदान करता है। अब तक 90 फीसदी ट्रेनों में इसे लगाया जा चुका है। इससे यात्रियों को विभिन्न मार्गों पर चलने वाली ट्रेनों की समय सारिणी के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है।
ये मिलेंगी सुविधा
- अब यात्रियों को ट्रेन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- रेल कर्मचारी ट्रेनों के सभी बोगियों की जानकारी एक क्लिक पर कंप्यूटर पर देख सकेंगे।
- ठंडी में कोहरे से होने वाली दिक्कतों का पता चल सकेगा।
- सॉफ्टवेयर बता सकेगा कि ट्रेन कहां तक पहुंच गई।
- सॉफ्टवेयर से सटीक तरह से पता चल सकेगा वह किस स्टेशन पर कितने देर तक रुकी थी।