नई MSP दर: सरकार ने खरीफ की फलसों पर MSP बढ़ा दी, अब किस फसल पर कितना मिलेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य
MPS कितना बढ़ गई: किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने MSP बढ़ा दी है, अब अन्नदाताओं को अपनी फसल बेचने में नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा
Naya MSP Rate: केंद्र सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ की फसलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP बढ़ा दी है. गुरुवार हुई कैबिनेट की मीटिंग के बाद 17 प्रकार की खरीफ की फसलों की MSP बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. जिसके बाद देशभर के किसानों में ख़ुशी की लहर छा गई है. किसान लम्बे समय से MSP बढ़ाने की मांग कर रहे थे.
किस फसल पर कितनी एमएसपी बढ़ी
MSP Kitni Badh Gai: सरकार ने तिल की MSP पर 523 रुपए और उड़द की दाल पर 300 रुपए तक MSP बढ़ा दी है, वहीं धान की MSP को बढाकर इसका नया रेट 2040 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है जो पिछले साल 1940 रुपए प्रति क्विंटल हुआ करता था. सरकार ने MSP बजट भी 1 लाख 26 हज़ार करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया है.
सरकार ने धान पर 100, धान (A ग्रेड) पर भी 100, ज्वार हाइब्रिड पर 232, ज्वार मालदंडी पर भी 232, बाजरा पर 100, रागी पर 201, मक्का पर 92, तुअर पर 300, मूंग पर 480, उड़द पर 300, मूंगफली पर 300, सूरजमुखी पर 385, सोयाबीन पर 350, तिल में 523, रामतिल में 357, कपास(मिडल स्टेपल) पर 354 और कपास (लॉन्ग स्टेपल) पर प्रति क्विंटल के हिसाब से 354 रुपए तक MSP बढ़ा दी है.
MSP क्या है
What Is MSP: MSP का फूल फॉर्म होता है Minimum Support Price मतलब न्यूनतम समर्थन मूल्य। यह वो कीमत है जो किसानों को उनकी फसल पर कम से कम मिलती ही है. भले बाजार में उस फसल की कीमत काफी कम हो लेकिन सरकार उसे MSP पर ही खरीदेगी। किसान चाहें तो बाजार में MSP से अधिक बिकने वाली फसल को बेच सकते हैं लेकिन जब बाजार में उक्त फसल के सही दाम ना मिले तो सरकार MSP के हिसाब से खरीदी करती है. निश्चित रूप से इसमें किसानों को फायदा और सरकार को घाटा होता है.