कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन जारी: शिक्षा मंत्रालय ने 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया, कोर्स छोड़ने पर फीस लौटानी होगी
नए दिशा-निर्देश 12वीं के बाद JEE, NEET, CLAT जैसे प्रवेश परीक्षाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग सेंटर्स के लिए लागू होंगे।
भारत सरकार ने देशभर के कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा-निर्देश (गाइडलाइन) जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं दे सकते हैं। इसके अलावा, कोचिंग संस्थानों को भ्रामक प्रचार और अच्छे अंक या रैंक दिलाने की गारंटी देने से भी रोका गया है।
नए दिशा-निर्देश (गाइडलाइन) 12वीं के बाद JEE, NEET, CLAT जैसे प्रवेश परीक्षाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग सेंटर्स के लिए लागू होंगे। इन दिशा-निर्देशों को छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जारी किया गया है। छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, कोचिंग सेंटर्स में आग की घटनाओं और सुविधाओं की कमी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत, कोचिंग संस्थानों को छात्रों के लिए को-करिकुलम एक्टिविटीज, करियर गाइडेंस और साइकोलॉजिकल गाइडेंस प्रदान करने के लिए भी कहा गया है। सरकार ने दिशा-निर्देश (गाइडलाइन) लागू होने के तीन महीने के भीतर नए और मौजूदा कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कोचिंग संस्थान जारी दिशानिर्देशों का पालन करें।
कोचिंग सेंटर्स के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नई गाइडलाइंस
- ट्यूटर्स ग्रेजुएट से कम योग्यता वाले नहीं होंगे।
- अच्छे नंबर और रैंक की गारंटी नहीं दे सकते।
- 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स का इनरोलमेंट नहीं कर सकते।
- इनरोलमेंट सेकेंड्री स्कूल एग्जाम के बाद ही किया जाएगा।
- हर कोर्स की ट्यूशन फीस फिक्स होगी, बीच में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी, रसीद देनी होगी।
- तय समय पहले कोर्स छोड़ने पर 10 दिन में बची फीस वापस करनी होगी।
- स्टूडेंट हॉस्टल में रह रहा हो तो हॉस्टल फीस और मेस फीस भी लौटानी होगी।
- मोरल क्राइम के दोषी फैकल्टी में नहीं हों।
- काउंसलिंग सिस्टम बगैर कोचिंग का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
- वेबसाइट पर फैकल्टी की योग्यता, कोर्स पूरा होने की अवधि बतानी होगी।
- हॉस्टल सुविधा, फीस की पूरी जानकारी देनी होगी।
- बच्चों के मेंटल स्ट्रेस पर ध्यान रखना होगा, अच्छे परफॉर्मेंस का प्रेशर नहीं बनाया जाएगा।
- छात्र मुश्किल या तनाव में हों तो मदद के लिए सिस्टम बनाना होगा।
- कोचिंग सेंटर में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग का चैनल हो।
- साइकोलॉजिस्ट, काउंसलर के नाम और वकिंग टाइम की जानकारी पेरेंट्स को देनी होगी।
- ट्यूटर भी स्टूडेंट्स को गाइडेंस देने के लिए मेंटल हेल्थ के टॉपिक्स में ट्रेनिंग ले सकते हैं।
- गाइडलाइंस फॉलो न करने पर कोचिंग सेंटर्स पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
- ज्यादा फीस वसूलने पर रजिस्ट्रेशन रद्द होगा।