हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट ने जमानत दी: 5 माह बाद जेल से बाहर आए पूर्व मुख्यमंत्री, HC ने कहा- मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। वे शुक्रवार 28 जून को रांची के बिरसा मुंडा जेल से बाहर आ गए हैं।

Update: 2024-06-28 11:04 GMT

नई दिल्ली, 28 जून: जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। HC ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं मिले हैं।

हेमंत सोरेन शुक्रवार 28 जून को रांची के बिरसा मुंडा जेल से बाहर आ गए हैं। इस दौरान उनकी पत्नी कल्पना सोरेन उन्हे लेने के लिए जेल पहुंची हुई थी। साथ ही जेल के बाहर समर्थकों ने सोरेन का स्वागत किया। 

कोर्ट के फैसले के बाद सोरेन के सरकारी आवास में मिठाइयां बांटी गई। जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने 31 जनवरी की रात हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की थी। 

हाईकोर्ट में सोरेन की जमानत याचिका पर 13 जून को सुनवाई पूरी हो चुकी थी। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में पिछले तीन दिनों तक सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि सोरेन PMLA एक्ट के तहत जमानत की दोनों शर्तों को पूरा करते हैं।

PMLA एक्ट के सेक्शन 45 के तहत जमानत की 2 शर्ते हैं:

  1. यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं हो कि आरोपी ने कथित अपराध किया है।
  2. दूसरी शर्त है कि जमानत पर रहने के दौरान उस तरह का कोई अपराध नहीं करेगा।

कोर्ट ने कहा कि सोरेन उन दोनों शर्तों को पूरा करते हैं। इसलिए अदालत इन्हें नियमित जमानत दे रही है।

ED ने जमानत का किया था विरोध

13 जून को ED की ओर से वकील एसवी राजू ने कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी जा सकती है। वे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्हें जमानत मिली तो वे राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

ED ने कोर्ट में आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन ने अवैध तरीके से बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। यह पीएमएलए-2002 में निहित प्रावधानों के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग है।

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