गुजरात दूधसागर डेयरी घोटाला: पूर्व गृहमंत्री विपुल चौधरी को ACB ने गिरफ्तार कर लिया

What Is Gujarat Dudhsagar Dairy Scam: गुजरात के दूधसागर डेयरी स्कैम के मामले में राज्य के पूर्व गृहमंत्री को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है

Update: 2022-09-18 08:31 GMT

What Is Gujarat Dudhsagar Dairy Scam: गुजरात के पूर्व गृहमंत्री विपुल चौधरी (Vipul Choudhary) को दूधसागर डेयरी स्कैम मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है. 15 सितम्बर पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज करते हुए उनकी गिरफ़्तारी हुई है. विपुल चौधरी को दूधसागर डेयरी घोटाले का आरोपी मानते हुए उन्हें अरेस्ट किया गया है. बता दें कि पूर्व गृहमंत्री मेहसाणा जिला सहकारी उत्पादन यूनियन लिमिटेड यानी दूधसागर डेयरी और गुजरात कॉर्पोरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) मतलब अमूल के चेयरमैन हुआ करते थे. 

बीते बुधवार को ACB ने उन्हें गांधीनगर आवास से गिरफ्तार किया है, इससे पहले 14 सितम्बर को उनके निजी सचिव शैलेश परख को हिरासत में लिया गया था. गुजरात पुलिस का कहना है कि मेहसाणा ब्रांच में विपुल चौधरी और उनके निजी सचिव शैलेश पारख के खिलाफ डेयरी फंड को अवैध रूप से निकालने और फंड का निजी इस्तेमाल करने के आरोप हैं. 

दूधसागर डेयरी घोटाला क्या है 

आरोप है कि पूर्व गृहमंत्री विपुल चौधरी ने कई फर्जी कंपनियां बनाकर 750 करोड़ रुपए का अवैध ट्रांजक्शन किए हैं. यह सभी बोगस कंपनियां विपुल चौधरी की पत्नी और उनके CA के नामपर खोली गई थीं. 

ACB के आखिरकारियों का कहना है कि- 2005 से लेकर 2014 तक दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष के रूप में रहे विपुल चौधरी ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया, प्रक्रिया का पालन किए बैगर मिल्क कूलर मशीनें खरीदीं। अदालतों में अपनी कानूनी याचिकाओं के लिए अपने वकीलों को फीस देने के लिए डेयरी फंड का इस्तेमाल किया

CID के अधिकारियों के अनुसार अक्टूबर 2018 में विपुल चौधरी ने तत्कलीन दूधसागर की चेयरमैन आशा ठाकोर और वाइस चेयरमैन मोगजी पटेल के अलावा मैनेजिंग डायरेक्टर एनजे बक्शी के साथ मिलकर 14 करोड़ 80 लाख रुपये के अवैध ट्रांजेक्शन को अंजाम दिया. यह पैसा मेहसाणा दूधसागर यूनियन के 1 हजार 932 कर्मचारियों को बोनस देने के लिए रखा गया था.इससे पहले 2014 में उन्होंने पशु आहार को गुजरात की जगह महाराष्ट्र में बेंच दिया था और 22 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया था. 

बता दें कि बीजेपी के पूर्व मंत्री रहे विपुल चौधरी गृहमंत्री तब बनाए गए थे जब शंकरसिंह वाघेला की राष्ट्रीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई थी. 1997 से लेकर 22 महीने एक ही वह सरकार टिक पाई थी. 2007 में विपुल ने बीजेपी ज्वाइन की जहां उन्हें दूधसागर डेयरी और अमूल चेयरमैन की कुर्सी मिली थी. लेकिन 2014 में उन्हें पद से हटा दिया गया था 


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