फसलों की रखवाली करने 48000 रुपए दे रही सरकार, आवेदन 30 मई से शुरू
Rajasthan Fasal Suraksha Mission: खेती के लिए सबसे बड़ा संकट बन रहे आवारा पशुओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने किसानों को सहयोग का हाथ बढ़ाया है।
Rajasthan Fasal Suraksha Mission: खेती के लिए सबसे बड़ा संकट बन रहे आवारा पशुओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने किसानों को सहयोग का हाथ बढ़ाया है। राजस्थान सरकार फसल सुरक्षा मिशन (Rajasthan Fasal Suraksha Misssion) के तहत किसानों को तार-बाड़ी करवाने के लिए 48000 रुपए दे रही है। इसके लिए आवेदन 30 मई से शुरू हो जाएगा।
किसान परेशान
देश ही नहीं विश्व को पता है के भारत की सर्वाधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। अगर किसान खेती करना बंद कर देंगे तो बेकारी और बेरोजगारी के साथ ही भुखमरी का संकट उत्पन्न हो जाएगा। जिसे पूरा करना फिर किसी भी सरकार के बस की बात नहीं रह जाएगी। खेती किसानी के बंद होते ही देश की स्थिति भयावह होगी। किसान के पास इस समय आवारा पशुओं से फसलों की रक्षा बहुत बड़ा और बहुत टेढ़ा काम है। महंगाई के दौर में पूंजी लगाने के बाद जब किसान की पूरी फसल आवारा पशु चट कर जाते हैं तो किसान अपने आप अधमरा हो जाता है।
फसल सुरक्षा मिशन
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए देश की राजस्थान सरकार ने एक विकल्प निकाला है। राजस्थान सरकार (Rajastha Government Fasal Suraksha Mission) फसलों की रक्षा करने के लिए फसल सुरक्षा मिशन के माध्यम से किसानों को तार बाड़ी करवाने के लिए 48 हजार रुपए दे रही है। सरकार भी किसानो की इस समस्या को बा-खूबी समझ रही है। ऐसे में सरकार ने किसानों का सहयोग करने यह योजना संचालित कर रही है।
ऐसे करें आवेदन
Rajasthan Fasal Suraksha Mission Online Application: तारबंदी करवाने के लिए राजस्थान सरकार 30 मई से आवेदन ले रही है। जिसके लिए किसानों को कहा गया है कि वह राजस्थान के पोर्टल राज किसान साथी में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए किसानों को 6 माह पुरानी जमाबंदी की नकल, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, जनाधार को स्कैन करवा कर आवेदन के साथ लगा दे।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
किसानों को कम से कम 1.5 हेक्टेयर तारबंदी करवाने के लिए आवेदन लिया जा रहा है। लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य सरकार के नियम के अनुसार लघु एवं सीमांत किसानों को अधिकतम 48000 रुपए या फिर 60 प्रतिशत कुल लागत का दिया जाएगा। वहीं सामान्य किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत या फिर अधिकतम 40000 रुपए दिए जाएंगे।