Employees Good News: कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, सरकार ने लिया बड़ा फैसला, यह मिलेगा लाभ
Employees Good News: कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। उनके रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की गई है। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है।
कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। उनके रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की गई है। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। केन्द्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा लगातार सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की मांग की जा रही है। जबकि कई राज्य सरकार द्वारा भी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया गया है। सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।
रिटायरमेंट एज को 5 वर्ष बढ़ाने का फैसला
राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में पांच वर्ष की वृद्धि किए जाने का निर्णय लिया गया है। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को 5 वर्ष बढ़ाया जाएगा। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को 5 वर्ष बढ़ाया जाएगा। अभी चिकित्सकों की रिटायरमेंट एज 62 वर्ष है। जिसको 5 वर्ष और बढ़ाते हुए 67 वर्ष करने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है।
इनको मिलेगा लाभ
कर्मचारियों को लाभ प्रदान करने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो एनएचएम के तहत चिकित्सकों को विभिन्न मरीजों की सेवा के लिए लगाया जाता है। अधिकांश राज्य भर के विभिन्न नागरिक निकायों के तहत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रोगी की देखभाल के लिए इनके द्वारा काम किया जाता है। अनुबंध के तहत सेवा पर लगे कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जाएगा। संविदा डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ा दिया गया है। अब वह 70 साल में सेवानिवृत्त होंगे। अभी तक उनकी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष थी। स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारियों की कमी को दूर करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। इतना ही नहीं विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 70 वर्ष की आयु तक रिटायरमेंट के बाद डॉक्टर के कार्यकाल का नवीनीकरण भी किया जा सकता है।
एक वर्ग ने खड़े किए सवाल
सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि के फैसले पर चिकित्सा समुदाय के एक वर्ग ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर वर्ष तकरीबन 5 हजार नए डॉक्टर आ रहे हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह डॉक्टर बन रहे हैं किंतु सरकार द्वारा इनके भर्ती की कोई पहल नहीं की जा रही है। यदि इनकी नियुक्ति होती तो प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं होती। इनका कहना है कि नए डॉक्टरों की भर्ती की जाए क्यों 60 वर्ष की आयु के बाद दक्षता कम हो जाती है। अधिकारियों की मानें तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा चिकित्सक विभिन्न सेवाओं से जुड़े हुए हैं। इनके द्वारा विभिन्न नगर पालिका और नगर निगम में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सेवाएं दी जा रही हैं। ऐसे डॉक्टरों की कुल संख्या 1200 है। जिनमें से 400 डॉक्टर जल्द सेवानिवृत्ति होने वाले हैं। इनके सेवानिवृत्त हो जाने से डॉक्टरों की भारी कमी हो जाएगी। जिसके चलते सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया गया है।