Voter ID New Update 2022: अब नहीं हो पाएगी फर्जी वोटिंग, क्यूआर कोड से होगी मतदाताओं की पहचान
इलेक्ट्रॉनिक सिस्टमों का समुचित उपयोग करते हुए फर्जी वोटिंग रोकने का कार्य संभव होगा।
5जी जैसे नेटवर्किंग सिस्टम के लांच हो जाने के बाद ऑनलाइन माध्यम से होने वाले कार्यों में क्रांति आई है। वही अब इलेक्ट्रॉनिक सिस्टमों का समुचित उपयोग करते हुए फर्जी वोटिंग रोकने का कार्य संभव होगा। बहुत जल्दी होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की पहचान क्यूआर कोड से की जाएगी। लगभग तैयारी पूर्ण हो चुकी है। बताया गया है कि क्यूआर कोड के माध्यम से वोटर लिस्ट को स्कैन किया जाएगा जिससे पता चल जाएगा कि मतदाता जिस पर्ची के साथ मतदान के लिए आया है वह सही है या गलत।
कहां-कहां हुई व्यवस्था
स्वतंत्र और निश्पक्ष चुनाव करवाने के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश के कांगड़ा, शिमला, मंडी और हमीरपुर में एक-एक विधानसभा क्षेत्र में यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यहां क्यूआर कोड़ के माध्यम से मतदाता की पहचान की जायेगी। जिसके बाद वह बोट डाल पयेगा।
जाने पूरी प्रक्रिया
मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड माध्यम बनया गया है। इसके लिए बताया गया है कि जब मतदाता अपनी पर्ची लेकर मतदान के लिए लिए पहुंचेगा उस समय मतदान अधिकारी एप्प के माध्यम से वोटर लिस्ट स्कैन करेगा। ऐसा करते ही मतदाता की पूरी जानकारी पोलिंग स्टाफ के सामने होगी। ऐसे में मतदाता की पहचान हो जायेगी।
क्यूआर वोटर लिस्ट तैयार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार चार विधानसभा क्षेत्र के एक-एक विधानसभा क्षेत्र में क्यूआर वोटर लिस्ट का उपयोग किया जायेगा। बताया गया है कि मंडी सदर के अलावा हमीरपुर जिले के हमीरपुर, कांगड़ा जिले के धर्मशाला और शिमला जिले के शिमला विधानसभा क्षेत्र में क्यूआर कोड वोटर लिस्ट का उपयोग किया जायेगा।
बिना इंटरनेट के एप करेगा काम
जिस एप के माध्यम से क्यूआर कोड़ आधारित वोटर लिस्ट का उपयोग किया जायेगा। वही बाताया गया है कि यह एप बिना इंटरनेट के भी संचालित होगा। इस एप को ऐसे विकसित किया गया है जिससे नेट न होने पर भी सुचारू रूप से कार्य हो सके और मतदान में किसी भी तरह की दिक्कत न हो।
क्यूआर कोड के आधर पर होने वाली बोटिंग से रियल टाइम और वोटिंग प्रतिशत तथा बूथ में हुई बोटिंग का सही आकलन किया जा सकेगा।